माही मंत्रा : कम अभ्यास और अधिक बेहतर रिजल्ट
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माही मंत्रा : कम अभ्यास और अधिक बेहतर रिजल्ट

महेंद्र सिंह धोनी का क्रिकेटिया सिद्धांत अपरंपरागत रहा है और उनके एक दशक से भी अधिक समय के अंतरराष्ट्रीय करियर में ‘कम अभ्यास और अधिक बेहतर परिणाम’ की उनकी रणनीति हमेशा कारगर साबित हुई है।

माही मंत्रा : कम अभ्यास और अधिक बेहतर रिजल्ट

मेलबर्न : महेंद्र सिंह धोनी का क्रिकेटिया सिद्धांत अपरंपरागत रहा है और उनके एक दशक से भी अधिक समय के अंतरराष्ट्रीय करियर में ‘कम अभ्यास और अधिक बेहतर परिणाम’ की उनकी रणनीति हमेशा कारगर साबित हुई है।

भारतीय कप्तान ने पिछले तीन साल से भी अधिक समय से नेट्स पर रूटीन विकेटकीपिंग अभ्यास नहीं किया और इसके बावजूद उन्होंने मैच वाले दिन दस कैच का अभ्यास करके विकेट के पीछे अपना शानदार प्रदर्शन बरकरार रखा है। इसे आप ‘माही का तरीका’ कह सकते हैं लेकिन भारतीय टीम के अभ्यास सत्र पर करीबी नजर रखने वाले जानते हैं कि उन्होंने नेट्स पर धोनी को विकेटकीपिंग पैड पहने हुए शायद ही देखा हो।

माही विकेटकीपिंग के दस्ताने तो कभी-कभी पहन भी लेते हैं लेकिन पैड नहीं। वह क्षेत्ररक्षण से संबंधित सभी अभ्यास करते हैं। कैच लेने का अभ्यास करते हैं। बल्लेबाजी करते हैं और कभी कभार गेंदबाजी में भी हाथ आजमाते हैं लेकिन विकेटकीपिंग नहीं करते। सैयद किरमानी हो या किरण मोरे या नयन मोंगिया या हाल के दिनों में रिद्धिमान साहा सभी विकेटकीपिंग का जमकर अभ्यास करते थे लेकिन धोनी का तरीका पूरी तरह से अलग है।

भारतीय टीम के सहयोगी स्टाफ के एक सदस्य ने गोपनीयता की शर्त पर कहा, ‘मुझे याद नहीं है कि मैंने कभी धोनी को नेट्स पर विकेटकीपिंग का अभ्यास करते हुए देखा। यदि आप मुझसे पूछो कि क्यों और तो मैं इसका जवाब नहीं दे पाऊंगा। उनकी विकेटकीपिंग का अभ्यास का तरीका यह है कि मैच के दिन दस कैच लो ताकि उन्हें दस्तानों पर गेंद पकड़ने का अहसास हो जाए।’

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