अजहर ने कहा, अनिल कुंबले का मुख्य कोच पद छोड़ने का फैसला सही था
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अजहर ने कहा, अनिल कुंबले का मुख्य कोच पद छोड़ने का फैसला सही था

अजहरुद्दीन मौजूदा मुख्य कोच रवि शास्त्री की इस टिप्पणी से भी सहमत नहीं हैं कि भारत की पिछले 20 साल की टीमों ने वह हासिल नहीं किया जो मौजूद टीम ने हासिल किया है.

आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने अजहर के ऊपर से मैच फिक्सिंग के सभी आरोप हटा दिए हैं. (फाइल फोटो)

मुंबई: पूर्व भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन ने भारतीय क्रिकेट टीम के मुख्य कोच का पद छोड़ने के अनिल कुंबले के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि इस पूर्व महान लेग स्पिनर ने अपने आत्मसम्मान को देखते हुए सही फैसला किया. जून में लंदन में चैंपियन्स ट्रॉफी के फाइनल में पाकिस्तान के हाथों शिकस्त के दो दिन बाद कुंबले ने विवादास्पद हालात में अपना पद छोड़ दिया था. कुंबले को वेस्टइंडीज दौरे के लिए सेवा विस्तार दिया गया था लेकिन उन्होंने इसे स्वीकार नहीं किया जिससे उनके मुख्य कोच के कार्यकाल का विवादास्पद परिस्थितियों में अंत हुआ.

अजहर ने कहा, ‘‘मुझे उसके लिए काफी दुख होता है. यह दुखद है कि इस तरह की चीज अनिल के साथ हुई. अनिल को जानने के कारण मुझे नहीं लगता कि वह इस तरह का व्यक्ति है. शायद उसने सोचा होगा कि आत्मसम्मान गंवाने से बेहतर दूर हो जाना होगा. मुझे लगता है कि उसने सही फैसला किया.’’ तीन एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय विश्व कप (1992, 1996 और 1999) में भारत की अगुआई करने वाले अजहर हैदराबाद स्थित कंपनी बिगकोड गेम्स के थ्री डी मोबाइल गेम ‘अजहर-द कैप्टन’ के लांच पूर्व कार्यक्रम में संवाददाताओं से बात कर रहे थे.

अजहरुद्दीन मौजूदा मुख्य कोच रवि शास्त्री की इस टिप्पणी से भी सहमत नहीं हैं कि भारत की पिछले 20 साल की टीमों ने वह हासिल नहीं किया जो मौजूद टीम ने हासिल किया है. उन्होंने कहा, ‘‘उन दिनों की भारतीय टीम मौजूदा टीम से अलग थी इसलिए तुलना करना अनुचित है. उन दिनों वह (शास्त्री) भी टीम का हिस्सा थे इसलिए वह खुद को भी इसमें शामिल कर रहे हैं. गेंदबाज अलग थे, विरोधी टीमें अलग थी इसलिए दो पीढ़ियों के बीच में तुलना करना मुश्किल होता है.’’ आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने अजहर के ऊपर से मैच फिक्सिंग के सभी आरोप हटा दिए हैं और इसे लगभग पांच साल बीत जाने के बावजूद उन्हें बीसीसीआई से अपनी लंबित राशि नहीं मिली है.

बुधवार (9 अगस्त) को बीसीसीआई के पदाधिकारियों और प्रशासकों की समिति के बीच बैठक के दौरान अजहर का मुद्दा उठा जहां इस मामले को बोर्ड की आम सभा के पास भेजने का फैसला किया गया. अजहरुद्दीन ने कहा, ‘‘मेरी उम्मीदें सकारात्मक हैं क्योंकि मैंने कभी नकारात्मक नहीं सोचा. मैंने बोर्ड को जो पत्र भेजा उसे बैठक के एजेंडे में रखा गया इसका मतलब है कि वे इसे लेकर गंभीर हैं. मैं उम्मीद करता हूं कि यह मामला जल्द से जल्द सुलझ जाए और हम आगे बढ़ जाएं.’’ मैच फिक्सिंग में संलिप्तता के आरोप में बीसीसीआई ने अजहरुद्दीन पर आजीवन प्रतिबंध लगाया था.

दो दिन पहले तेज गेंदबाज एस श्रीसंत पर लगा प्रतिबंध भी केरल उच्च न्यायालय ने हटा दिया जिसके बारे में पूछने पर अजहर ने कहा, ‘मुझे लगता है कि अगर अदालत का आदेश है तो उन्हें इसे मानना होगा. उसने चार साल गंवाए लेकिन श्रीसंत को अपनी फिटनेस को जरूरी स्तर पर लाना होगा. उसे अच्छा प्रदर्शन करना होगा.’ उन्होंने कहा, ‘मेरे अनुसार श्रीसंत सबसे अच्छे तेज गेंदबाजों में से एक था, लेकिन मुझे लगता है कि उसका प्रबंधन सही तरीके से नहीं किया गया. अगर उसे बेहतर तरीके से रखा जाता तो वह अच्छा तेज गेंदबाज बन सकता था.’ अजहरुद्दीन ने हैदराबाद क्रिकेट संघ के चुनाव से प्रतिबंधित किए जाने की घटना पर भी नाराजगी जताई. उन्होंने कहा, ‘एचसीए चुनावों के संदर्भ में, वे मुझे दावेदारी से नहीं रोक सकते थे लेकिन उन्होंने निचली अदालत को गुमराह किया.’

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