पुलेला गोपीचंद ने बताया, ओलंपिक में कैसे मिलेगा इस बार भारत को गोल्ड
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पुलेला गोपीचंद ने बताया, ओलंपिक में कैसे मिलेगा इस बार भारत को गोल्ड

Indian Badminton: नेशनल कोच गोपीचंद को उम्मीद है कि इस बार भारत रियो ओलंपिक के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन करेगा.

पुलेला गोपीचंद का उम्मीद है कि इस बार भारतीय बैडमिंटन टीम ओलंपिक में पिछली बार से बेहतर प्रदर्शन करेगी. (फोटो: IANS)

नई दिल्ली: इस समय भारतीय खेल प्रेमियों के जहन में एक ही सवाल है कि क्या टेक्यो 2020 के ओलंपिक खेलों में भारत के नाम इस बार गोल्ड मेडल आ पाएगा. हमेशा की तरह इस बार भी देश को बैडमिंटन (Indian Badminton) से काफी उम्मीदें. वहीं भारत को दो ओलंपिक मेडल दिलाने वाले राष्ट्रीय बैडमिंटन कोच पुलेला गोपीचंद (Pullela Gopichand) का मानना है कि इस बार उनकी टीम बेहतर प्रदर्शन कर सकती है.   

गोपीचंद का कहना है कि इस बार उनकी टीम ने अच्छी तैयारी की है जिससे इस बार वह रियो से बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद कर रही है. रियो ओलंपिक में भारत की स्टार प्लेयर पीवी सिंधु ने सिल्वर मेडल हासिल किया था. साफ है गोपीचंद कह रहे हैं कि इस बार टीम गोल्ड ही लाएगी. 

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गोपीचंद ने कहा, "पिछले एक दो ओलंपिक में हमारा प्रदर्शन अच्छा था. इस बार जब हम ओलंपिक में जाएंगे तो हमारे पास एक वर्ल्ड चैंपियन होगा और उम्मीद है कि कुछ बेहतर तैयारियों से हम पिछले खेलों के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन से वापस आएंगे." 

46 साल के कोच ने खेलो इंडिया कार्यक्रम की तारफई करते हुए कहा खेलो इंडिया यूथ गेम्स की वजह से भारत में युवा एथलीटों को अवसर मिले. उन्होंने कहा, "खेलो इंडिया यूथ गेम्स जैसे इवेंट में सभी खेलों के युवा एथलीटों को बड़े मौके मिले. इस बात से मैं बहुत खुश हूं. आम तौर पर खेलो इंडिया कार्यक्रम खेलों में सकारात्मक तस्वीर बनाता है"

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उल्लेखनीय है कि खेलो इंडिया का तीसरा संस्करण आगामी 10 जनवरी से 22 जनवरी तक गुवाहाटी में आयोजित किया जाएगा.  गोपीपंद ने कहा कि खेलो इंडिया यूथ गेम्स खेल संस्कृति संबंधित सभी खेलों की विशिष्ट प्रतियोगिता है. उन्होंने कहा, " मैं भाग्यशाली रहा कि मैंच दिल्ली और पुणे में ये खेल देख सका. इन खेलों के लिहाज से भारत सरकार बहुत प्रभावी काम कर रही है." 

बहुत अच्छी बात यह है कि युवा एथलीटों को अंतरराष्ट्रीय हालातों में प्रदर्शन करने का मौका मिलता है. यह अनुभव युवाओं के लिए बहुत मददगार साबित होगा. खेलो के समग्र नजरिए से यह बहुत खास है. 

अपने खेल की योग्यताओं के बारे में बात करते हुए गोपीचंद ने कहा, "बैडमिंटन ऐसा खेल हैं कि जिसमें शारीरिक श्रम ज्यादा लगता लेकिन क्षमता की भी बहुत अहमियत है. हमारे लिए शारिरिक क्षमताओं के साथ ही मानसिक नजरिया बहुत मायने रखता है. जब हम युवाओं को देखते हैं. तो हम उनमें यही देखते हैं कि क्या उनमें इस खेल के उच्च स्तर पर खेलने की क्षमता है, जहां मानसिक शक्ति की बहुत आवश्यकता होती है."

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