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कोलकाता: पुणे में ऋद्धिमान साहा ने हवा में शानदार गोता लगाते हुए कैच लपककर स्टीव ओकीफी की पारी का अंत किया था और भारत के इस टेस्ट विकेटकीपर ने अपने इस प्रयास को बहुत प्रेरणादायी बताया।
साहा ने यहां एक प्रचार कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘जब लोग आपकी तुलना ‘सुपरमैन’ के साथ करते हैं तो यह हमेशा शानदार अहसास होता है। लेकिन वास्तव में कहूं तो अगर मैं सुपरमैन का कम से कम 10% भी हासिल कर पाता तो यह बेहतरीन होता। मैं इस स्तर को बरकरार रखने की कोशिश करूंगा।’ पुणे में पहले टेस्ट में हार के दौरान साहा ने उमेश यादव के पारी के 81वें ओवर में बेहतरीन कैच लपककर ओकीफी की पारी का अंत किया था।
उन्होंने कहा, ‘पुणे का कैच बेंगलुरु के कैच की तुलना में मुश्किल था। पहले मैच में प्रतिक्रिया का समय कम था और यह तेज गेंदबाज की गेंद पर था।’ साहा के चोटिल होने पर पार्थिव पटेल ने बल्ले और विकेट के पीछे अच्छा प्रदर्शन किया था लेकिन चयनकर्ताओं ने मौजूदा सत्र में बंगाल के इस विकेटकीपर पर भरोसा बनाए रखा है। बेंगलुरु टेस्ट में साहा ने ऑफ स्पिनर रविचंद्रन अश्विन की गेंद पर मैथ्यू वेड का बेहतरीन कैच लपका था। इससे पहले साहा के नाम पर विकेटकीजिंग ग्लव्स लॉन्च किए गए।
साहा ने स्वीकार किया कि अश्विन और रविंद्र जडेजा जैसे गेंदबाजों के खिलाफ पुणे और बेंगलुरु जैसी स्पिन की अनुकूल पिच पर विकेटकीपिंग करना काफी चुनौतीपूर्ण होता है। उन्होंने कहा, ‘टर्न लेती पिच पर विकेटकीपिंग करना हमेशा चुनौतीपूर्ण होता है। उछाल में हमेशा असमानता होती है जैसा कि दोनों टेस्ट मैचों में था।’ साहा को मलाल है कि उन्हें टेस्ट मैचों में ऑस्ट्रेलिया के महान विकेटकीपर एडम गिलक्रिस्ट के साथ खेलने का मौका नहीं मिला। उन्होंने कहा, ‘मैं आईपीएल में उनके साथ खेला हूं। टेस्ट में उनके खिलाफ खेलना शानदार अनुभव होता।’