कोच पुलेला ने पीवी सिंधु के अलावा परुपल्ली कश्यप, सायना नेहवाल, बी सुमित रेड्डी, एन सिक्की रेड्डी, गुरुसाई दत्त, बी. साई प्रणीत जैसे खिलाड़ियों अकादमी में ट्रेनिंग दी है.
Trending Photos
नई दिल्ली: पी.वी. सिंधु (PV Sindhu) ने रविवार को बासेल स्विट्जरलैंड में बीडब्ल्यूएफ बैडमिंटन वर्ल्ड चैंपियनशिप-2019 ((WBF World Badminton Championship) के फाइनल में दुनिया की चौथे नंबर की खिलाड़ी जापान की नोजोमी ओकुहारा को हराकर चैंपियनशिप में पहली बार गोल्ड मेडल जीत लिया. बीडब्ल्यूएफ बैडमिंटन विश्व चैंपियनशिप में सिंधु के अब पांच पदक हो गए हैं. इनमें एक गोल्ड, दो सिल्वर और दो ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं. भारतीय बैडमिंटन स्टार सिंधु ने इस ऐतिहासिक जीत के साथ ही 2017 के फाइनल में आकुहारा से मिली हार का हिसाब भी बराबर कर लिया.
सिंधु की इस सफलता के पीछे भारत की नेशनल बैडमिंटन टीम के कोच पुलेला गोपीचंद की मेहनत भी मानी जाती है. पुलेला अकादमी में ट्रेनिंग लेने वाले सायना नेहवाल, पी.वी. सिंधु, किदांबी श्रीकांत जैसे बैडमिंटन खिलाड़ी हर ओर से सुर्खियां बटोर रहे हैं. हालांकि, एक समय ऐसा भी था जब इन खिलाड़ियों को सुविधाएं देने के लिए गोपीचंद ने अपना घर गिरवी रख दिया था. गोपीचंद ने कहा कि इन खिलाड़ियों की जीत से मिलने वाली खुशी ही उन्हें कहीं ओर से नहीं मिल सकती.
HISTORY SCRIPTED!
Champion Stuff from @Pvsindhu1 as she becomes first Indian to be crowned World Champion. Kudos Girl, takes sweet revenge against @nozomi_o11 defeating her 21-7,21-7 in the finals of #BWFWC2019.
Nation rejoices! #IndiaontheRise pic.twitter.com/UzmgTsNBji
— BAI Media (@BAI_Media) August 25, 2019
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत के ऑल इंग्लैंड बैडमिंटन चैंपियन गोपीचंद ने 2003 में गाचीबावली के सरकारी स्टेडियम में कोचिंग शुरू की थी. उस समय उनके पास फंड बिल्कुल भी नहीं था. उस दौरान, परुपल्ली कश्यप, पीवी सिंधु, सायना नेहवाल, बी सुमित रेड्डी, एन सिक्की रेड्डी, गुरुसाई दत्त, बी. साई प्रणीत जूनियर खिलाड़ी थे.
यह भी पढ़ें- यह बॉलीवुड सुपरस्टार हैं पीवी सिंधु के फेवरिट एक्टर, मुलाकात को बताया था 'फैन मूमेंट'
गोपीचंद ने कहा, "मैं यह नहीं कहूंगा कि मैंने जो किया इन बच्चों के लिए किया. मैंने यह स्वयं के लिए भी किया. कोचिंग के शुरुआती दौर में इनकी जीत से जो सुख मुझे मिलता था, वह शानदार था. मैं यह हमेशा से सुनते हुए आया था कि भारतीय खिलाड़ी अच्छे नहीं है और किस प्रकार से भारतीय अच्छे बैडमिंटन खिलाड़ी नहीं बन सकते. मेरे लिए इस कथन को गलत साबित करना ही सबसे बड़ी चुनौती थी."
Hyderabad: Family of PV Sindhu celebrates after she became the first Indian to win BWF World Championships gold medal in Basel, Switzerland. #Telangana pic.twitter.com/TgqAY9e3ea
— ANI (@ANI) August 25, 2019
कोच गोपीचंद ने कहा, "मेरे लिए जीतना और इन बच्चों के लिए बड़े अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट जीतना बेहद महत्वपूर्ण था. मैं आज जब पीछे मुड़कर देखता हूं, तो उन सभी चीजों को देखकर हैरान हो जाता हूं, जो मैंने इनके लिए की थी. मैंने जो किया वह अविश्वसनीय था. मैं पांच से छह घंटे तक अभ्यास करता था और उसके बाद फंड के लिए कॉर्पोरेट हाउसों के चक्कर काटता था, जहां से मुझे न ही मिलती थी. मैं फिर शाम को कोचिंग के लिए अकादमी पहुंच जाता था. मुझे नहीं पता कि मेरी अपनी जेब से कितना पैसा गया है, लेकिन जो सुख मुझे इनकी जीत से मिलता था, वो किसी ओर चीज से नहीं मिलता था."
गोपीचंद ने कहा कि इन खिलाड़ियों को विश्व के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों के रूप में देखने की खुशी हासिल करने के लिए उन्होंने बहुत कुछ किया है. उनके लिए यह खिलाड़ी उनकी दुनिया बन गए थे और इन खिलाड़ियों की जीत से गोपीचंद को सुकून मिलता था.