ताइ जू की ताकत है रैली, सिंधु ने इससे निपटने के लिए बनाई खास रणनीति
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ताइ जू की ताकत है रैली, सिंधु ने इससे निपटने के लिए बनाई खास रणनीति

एशियाई खेलों की बैडमिंटन महिला एकल स्पर्धा में भारत की पीवी सिंधु का मुकाबला फाइनल में ताइवान की ताइ जू यिंग से होगा जिन्होंने साइना नेहवाल को दूसरे सेमीफाइनल में हराया.

पीवी सिंधु और ताइ जू यिंग के बीच फाइनल में कड़ा मुकाबला होने की उम्मीद है. (फोटो: PTI)

जकार्ता:  एशियाई खेलों के फाइनल में जगह पक्की करने वाली भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी पीवी सिंधु ने कहा कि उन्होंनें ताइवान की बैडमिंटन खिलाड़ी ताइ जू यिंग के खिलाफ कल होने वाले मुकाबले के लिए रणनीति बनाई है. यिंग ने अपने सेमीफाइनल में सायना नेहवाल को हराया था. सायना का कहना है कि यिंग की ताकत उसकी रैली है और उसके खिलाफ खास रणनीति बनाने की जरूरत है. 

  1. पीवी सिंधु का मुकाबला फाइनल में ताइ जू यिंग से होगा
  2. यिंग ने सेमीफाइनल में सायना नेहवाल को हराया था
  3. सिंधु यिंग के खिलाफ एक खास रणनीति बना रहीं हैं

दुनिया की तीसरे नंबर की खिलाड़ी सिंधु ने विश्व रैंकिंग में दूसरे स्थान पर काबिज अकाने यामागुची को सेमीफाइनल में 21-17 15-21 21-10 से हराया. फाइनल में उनका सामना रैंकिंग में पहले स्थान पर काबिज ताइ जू से होगा जिसके खिलाफ पिछले पांच मैचों में वह जीत दर्ज करने में नाकाम रहीं है.

सिंधु ने बनाई है खास रणनीति
सिंधु ने कहा, ‘‘मैंने उसके लिए रणनीति बनाई है. यह अच्छा मैच होगा.’’ दोनों खिलाड़ियों के बीच यह 13वां अंतरराष्ट्रीय मुकाबला होगा. अब तक हुए 12 मुकाबलों में ताई जू ने नौ में जीत दर्ज की है. ताई जू ने एक अन्य सेमीफाइनल में साइना नेहवाल को मात देकर इस भारतीय खिलाड़ी पर लगातार दसवीं जीत दर्ज की.

ओलंपिक और विश्व चैम्पियनशिप में रजत पदक जीतने वाली सिंधु पर हालांकि ज्यादा दबाव होगा क्योंकि फाइनल मैचों में उनका रिकार्ड अच्छा नहीं रहा है. लगातार दो विश्व चैम्पियनशिप और कुछ अन्य बड़े टूर्नामेंटों के फाइनल में हारने के कारण सिंधु की आलोचना भी हुई है. इस टूर्नामेंट में खराब शुरूआत के बाद भी सिंधु फाइनल में पहुंचने में कामयाब रही. शुरूआती मैच में उन्हें वियतनाम की वू थी त्रंग ने कड़ी टक्कर दी. 

सिंधु चाहतीं थी कि फाइनल उनके और सायना के बीच हो
भारतीय खिलाड़ी ने कहा, ‘‘मेरी सोच एक पल के लिए भी नकारात्मक नहीं हुई. मैं हमेशा प्रत्येक मैच में सुधार के बारे में सोच रही थी. यह एक बड़ी प्रतियोगिता है और कोई मैच आसान नहीं होगा. उम्मीद है कल मेरे लिए सब अच्छा होगा.’’ सिंधु ने कहा कि यह दुर्भाग्यशाली है कि फाइनल मैच दो भारतीय खिलाड़ियों के बीच नहीं होगा. उन्होंने कहा, ‘‘वह (साइना) हार गई लेकिन अच्छा खेली. मैं पूरा मैच नहीं देख सकी लेकिन दूसरे सेट में वह अच्छा खेली. मुझे उम्मीद थी कि फाइनल हम दोनों के बीच होगा.’’ 

सेमीफाइनल में यामागुची के खिलाफ तीसरा गेम एकतरफा रहने के बारे में पूछे जाने पर सिंधु ने कहा, ‘‘मुझे बड़ी बढ़त मिली थी लेकिन कोई भी अंक आसान नहीं था. स्कोर से यह आसान दिख रहा होगा लेकिन मुझे हर अंक के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ी.’’ 

साइना ने भी बताया ताई जू यिंग को बड़ी चुनौती
दूसरी ओर  ताइ जू यिंग से हार कर कांस्य पदक जीतने वाली भारतीय खिलाड़ी साइना नेहवाल ने कहा कि विश्व रैंकिंग में पहले स्थान पर काबिज इस खिलाड़ी के खेल का तरीका किसी खास शैली पर आधारित नहीं है जिससे उसे हराना काफी मुश्किल हो जाता है. साइना ताइ जू से सीधे गेमों 17-21 , 14-21 से हार गईं जो इस खिलाड़ी के खिलाफ उनकी लगातार दसवीं हार है.

ताई जू यिंग में रैली की है यह खास विशेषता
साइना ने कहा, ‘‘मुझे रैली को पूरा करने के लिए ज्यादा तेज और शॉट को अच्छे से खेलने की जरूरत थी. वह रैली के बीच में आपको पछाड़ देती है. उसके खिलाफ हर रैली अगल तरह की होती है. ज्यादातर खिलाड़ी एक खास शैली में खेलते हैं लेकिन उसके पास विभिन्न तरह के शॉट हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मुझे जाहिर तौर पर अपने हाथ की रफ्तार को बढ़ाना चाहिये था, कोर्ट में ज्यादा मूवमेंट दिखाने चाहिये थे और रैली को पूरा करने के लिए ज्यादा शॉट खेलने चाहिए थे. उसके साथ हर रैली अलग तरह की रैली होती है. उसमें विशेष क्षमता है. वह ऐसी खिलाड़ी है जिसे समझना आसान नहीं. हर कोच उसके खेल को नहीं समझ सकता. खिलाड़ी के तौर पर मैंने उसे समझने की कोशिश की लेकिन वह हमेशा नया शॉट इजाद कर लेती है.’’ 

साइना ने कहा, ‘‘उसे हराने के लिए आपके पास संपूर्ण खेल योजना होनी चाहिए. विश्व चैम्पियनशिप और इन खेलों के बीच समय कम था इसलिए हमें तैयारी का पूरा समय नहीं मिला लेकिन मैंने कोशिश की. ऐसा नहीं है कि आप उसे नहीं हरा सकते. यह असंभव नहीं है. आपके पास संपूर्ण योजना होनी चाहिए लेकिन उसके पास मुश्किल हालात से निपटने के लिए शॉट हैं.’’ 

ओलंपिक स्तर का खेल रहा है यह
साइना ने कहा कि वह एशियाई खेलों के अपने तीसरे प्रयास में पदक जीत कर खुश है. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे इससे पहले दो मौके (2010, 2014) मिले लेकिन मैं क्वार्टर फाइनल में हारकर बाहर हो गई. इस बार मुझे वरीयता नहीं मिली थी और पदक जीत कर मैं खुश हूं. यह टूर्नामेंट ओलंपिक के स्तर का है, बड़ीं खिलाड़ियों में सिर्फ कैरोलिना (मारिन) यहां नहीं है.’’ फाइनल में सिंधु की संभावनाओं के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘दोनों के पास जीतने का बराबर मौका होगा. सिंधु लंबी है और कुछ ऐसे शॉट खेल सकती है जो मैं नहीं खेल सकती.’’ 

(इनपुट आईएएनएस)

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