पीवी सिंधु विश्व चैंपियनशिप जीतने के बाद लौटीं स्वदेश, कहा- ‘मुझे भारतीय होने पर गर्व’
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पीवी सिंधु विश्व चैंपियनशिप जीतने के बाद लौटीं स्वदेश, कहा- ‘मुझे भारतीय होने पर गर्व’

विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप विजेता पीवी सिंधु भारत पहुंचने के बाद.दिल्ली एयरपोर्ट पर लोगों ने जोरदार स्वागत किया.

पीवी सिंधु ने विश्व चैंपियनशिप में सबसे ज्यादा मेडल जीते हैं. (फोटो: PTI)

नई दिल्ली: बैडमिंटन की दुनिया में इतिहास रचने वाले भारतीय स्टार शटलर पीवी सिंधु (PV Sindhu)  भारत लौट आई हैं. दिल्ली एयरपोर्ट पर लोगों ने उनका जोरदार स्वागत किया गया. सिंधु ने रविवार को स्विट्जरलैंड के बासेल में  बीडबल्यूएफ विश्व चैम्पियनशिप (BWF World Championships)  के फाइनल में दुनिया की चौथे नंबर की खिलाड़ी जापान की नोजोमी ओकुहारा को हराकर चैम्पियनशिप में पहली बार स्वर्ण पदक जीता है. गोल्ड जीतने के बाद पहली बार देश की धरती पर कदम रखने पर सिंधु काफी खुश दिखाई दीं. एयरपोर्ट पहुंचने पर उन्हें फूलों के हार पहनाकर उनका स्वागत किया गया. 

भारतीय होने पर गर्व- सिंधु
एयरपोर्ट पहुंचने के बाद सिंधु ने कहा, “मैं बहुत खुश हूं, मुझे अपने भारतीय होने पर बहुत गर्व है, मैं अपने कोच का धन्यवाद करना चाहती हूं, मैं सपोर्टर्स का भी धन्यवाद करना चाहती हूं, नेशनल एंथम के समय मैं बहुत ज्यादा भावुक हो गई थी, यह टूर्नामेंट बाकी टूर्नामेंट की तरह ही था लेकिन हां ओलंपिक से पहले एक नया बूस्ट मिलेगा”

इस जीत के साथ ही सिंधु विश्व चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बन गई है. सिंधु ने ओकुहारा को सीधे गेम में एकतरफा अंदाज में 21-7, 21-7 से हराया. वर्ष 2017 और 2018 में रजत तथा 2013 व 2014 में कांस्य पदक जीत चुकीं सिंधु का यह लगातार तीसरा फाइनल था. बीडब्ल्यूएफ बैडमिंटन विश्व चैम्पियनशिप में सिंधु के अब पांच पदक हो गए हैं. इनमें एक स्वर्ण, दो रजत और दो कांस्य पदक शामिल हैं.

यह खास मुकाम भी हासिल किया सिंधु ने
भारत ने इस टूर्नामेंट में अब तक तीन रजत और छह कांस्य पदक जीते थे. सिंधु इससे पहले इस टूर्नामेंट में लगातार दो बार (2017 और 2018) फाइनल में हारी थीं. लेकिन, इस बार उन्होंने इस गतिरोध को तोड़ा और बैडमिंटन में पहली विश्व चैम्पियन भारतीय बन गईं. सिंधु ने इस टूर्नामेंट में 2013 में पहली बार भाग लिया था तब से सिंधु के नाम अब इसमें पांच पदक हो गए हैं. इनमें एक स्वर्ण, दो रजत और दो कांस्य पदक शामिल हैं. उनसे ज्यादा अब तक इसमें विश्व की किसी भी महिला खिलाड़ी ने पदक नहीं जीते हैं

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