रामकृष्णन गांधी को मरणोपरान्त मिलेगा द्रोणाचार्य पुरस्कार
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रामकृष्णन गांधी को मरणोपरान्त मिलेगा द्रोणाचार्य पुरस्कार

गांधी एक दशक तक भारतीय एथलेटिक्स के कोच रहे जिनका 55 बरस की उम्र में पिछले साल निधन हो गया था

द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिये तीसरा नाम कबड्डी कोच हीरानंद कटारिया का है.

नयी दिल्ली: एथलेटिक्स कोच दिवंगत रामकृष्णन गांधी और रियो परालम्पिक स्वर्णपदक विजेता टी मेरियाप्पन के कोच सत्यनारायण के नाम की अनुशंसा इस साल द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिये की गई है. गांधी ने गुरमीत सिंह को कोचिंग दी थी जिन्होंने पिछले साल जापान के नाओमी में एशियाई रेसवाकिंग चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था. 

बलजिंदर सिंह ने भी नाओमी में 20 किमी वाक में कांस्य पदक जीता था. उन्होंने भी गांधी के मार्गदर्शन में अभ्यास किया था. गांधी एक दशक तक भारतीय एथलेटिक्स के कोच रहे जिनका 55 बरस की उम्र में पिछले साल निधन हो गया था.

द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिये तीसरा नाम कबड्डी कोच हीरानंद कटारिया का है. साक्षी मलिक के कोच कुलदीप मलिक और मनदीप सिंह के नाम पर भी विचार किया था लेकिन सहमति नहीं बनने से उनका नाम काट दिया गया.

द्रोणाचार्य पुरस्कार: दिवंगत रामकृष्णन गांधी  (एथलेटिक्स), हीरानंद कटारिया (कबड्डी), सत्यनारायण (पैरा एथलीट)

लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार: जीएसएसवी प्रसाद (बैडमिंटन), बृजभूषण मोहंती (मुक्केबाजी), पी ए रफेल (हाकी), संजय चक्रवर्ती  (निशानेबाजी), रोशन लाल (कुश्ती)

ध्यानचंद पुरस्कार: भूपेंदर सिंह (एथलेटिक्स), सैयद शाहिद हकीम (फुटबाल), सुमराइ तेते (हाकी)

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