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मुंबई : आज मुंबई में भारत और वेस्टइंडीज के बीच टी20 वर्ल्ड कप का सेमीफाइनल खेला जाना है। 31 मार्च 2016 के इस मैच में टीम इंडिया जीत की उम्मीदों के रथ पर सवार है, लेकिन आज ही के दिन 19 साल पहले वेस्टइंडीज ने भारतीय क्रिकेट टीम को एक ऐसा जख्म दिया था जिसकी वजह से क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंडुलकर ने संन्यास लेने का मन बना लिया था। उस दिन को सचिन ने अपने करियर का सबसे बुरा दिन बताया था। ऐसे में आज यदि टीम इंडिया जीतती है तो उस सचिन समेत भारतीय क्रिकेट के लिये मरहम की तरह होगी।
आज टीम इंडिया सचिन के गृहनगर मुंबई में वेस्ट इंडीज के सामने होगी। ऐसे में यदि धोनी ब्रिगेड जीत दर्ज करती है तो यह सचिन समेत पूरे भारतीय क्रिकेट के लिये बेहतरीन तोहफा होगी। भारतीय प्रशंसकों को इस मैच में विराट कोहली से सबसे ज्यादा उम्मीदें हैं। साथ ही रोहित शर्मा भी आज ट्रंप कार्ड साबित हो सकते हैं। 19 साल पुराने उस दर्द को कम करने के लिये महेंद्र सिंह धोनी को अपना पूरा जोर लगाना होगा।
दरअसल, 31 मार्च 1997 को बारबाडोस में सचिन की कप्तानी में खेले गये एक टेस्ट मैच में वेस्ट इंडीज ने भारतीय टीम को बुरी तरह हराया था। उस मैच में वेस्ट इंडीज के दिये मात्र 120 रनों के लक्ष्य का पीछा कर रही भारतीय टीम महज 81 रन बना पाई थी। क्रिकेट पंडितों के मुताबिक इस हार हार से दुखी सचिन ने खुद को दो दिन के लिये कमरे में बंद कर लिया था। सचिन ने अपनी आत्मकथा ‘प्लेइंग इट माय वे’ में भी इसका जिक्र किया है। उन्होंने लिखा है कि उस मैच की हार भारतीय क्रिकेट इतिहास और उनके करियर का सबसे बुरा दिन था।