जब फॉर्मूला वन के ट्रैक पर दिखा था रफ्तार का कहर, इस ड्राइवर ने गंवाई थी जान
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जब फॉर्मूला वन के ट्रैक पर दिखा था रफ्तार का कहर, इस ड्राइवर ने गंवाई थी जान

1 मई 1994 को सैन मरीनो ग्रांप्री के दौरान इटली के इमोला सर्किट पर ब्राजील के रेसर आर्यटन सेना की मौत कार क्रैश होने की वजह से हो गई थी.

ब्राजील के आर्यटन सेना (बाएं) 3 बार सीजन चैंपियन बने थे.(फोटो-Reuters)

नई दिल्ली: फॉर्मूला वन (Formula 1) को दुनिया के सबसे खतरनाक कार रेस में शुमार किया जाता है. यहां रफ्तार और तकनीक का बेजोड़ कॉम्बिनेशन देखने को मिलता है. कार की स्पीड कई दर्शकों की सांसें रोक देती है. एक छोटी सी गलती भी ड्राइवर की जान मुश्किल में डाल सकती है. भले ही ये रेस अपने आप में जबरदस्त रोमांच पैदा करती हैं, लेकिन कई बार इस तरह के मुकाबले जानलेवा साबित हुए है. ग्रेटर नोएडा में बुद्ध इंटरनेशनल सर्किट बनने और फिर एफ-1 रेस आयोजित होने के बाद भारत में इस खेल को लेकर लोकप्रियता बढ़ी है, लेकिन कुछ लोग इस रेस के दुखद अतीत से वाकिफ होंगे.

  1. 1 मई 1994 का आर्यटन सेना की मौत
  2. रेस के दौरन कार क्रैश होने से हुई मौत.
  3. जनाजे में 30 लाख लोग शामिल हुए थे.

1 मई 1994 को सैन मरीनो ग्रांप्री के दौरान इटली के इमोला सर्किट पर कुछ ऐसा हुआ जिसने इस खेल के प्रति लोगों के नजरिए को हमेशा के लिए बदल कर रख दिया. ब्राजील के रेसर आर्यटन सेना (Ayrton Senna) की मौत रेस के दौरान कार क्रैश होने की वजह से हो गई थी. इस घटना ने पूरे खेस जगत को हिलाकर रख दिया. दरअसल रेस के 7वें लैप के दौरान उन्होंने टैमबुरेलो कॉर्नर से टर्न लेने की कोशिश की, लेकिन उनकी कार का बैलेंस बिगड़ गया. 135 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से कार कंक्रीट की दीवार से टकरा गई. 

इस हादसे के तुरंत बाद मेडिकल टीम ने उन्हें कार से बाहर निकाल लिया. उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. फॉर्मूला वन के इतिहास में आर्यटन सेना की मौत सबसे दुखद घटना है. और 3 बार के एफ-1 चैंपियन थे और दुनिया के सबसे बेहतरीन रेसर माने जाते थे. लेकिन महज 32 साल की उम्र उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया. उनके जनाजे में करीब 30 लाख लोग शामिल थे. ब्राजील की तत्कालीन सरकार ने आर्यटन की मौत के बाद 3 दिनों का राजकीय शोक का ऐलान कर दिया था.

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