Tokyo Olympics: 'काश मैं मेडल जीत पाती', चौथी पोजीशन पाने पर टूट गया Aditi Ashok का दिल
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Tokyo Olympics: 'काश मैं मेडल जीत पाती', चौथी पोजीशन पाने पर टूट गया Aditi Ashok का दिल

टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) के वीमेंस गोल्फ (Women's Golf) में चौथी पोजीशन हासिल करने के बाद अदिति अशोक (Aditi Ashok) खुश नहीं हैं, उनका मानना है कि वो इससे बेहतर प्रदर्शन कर सकती थीं.

अदिति अशोक (फोटो-Twitter)

टोक्यो: किसी भी दूसरे टूर्नामेंट में चौथी पोजीशन पर रहकर अदिति अशोक (Aditi Ashok) को दुख नहीं होता लेकिन यह ओलंपिक था. भारत की तरफ से सबसे बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली इस भारतीय गोल्फर ने कहा कि टोक्यो ओलंपिक (Tokyo Olympics) में चौथे स्थान पर रहकर खुश होना मुमकिन नहीं है.

  1. अदिति अशोक हुईं मायूस
  2. टोक्यो में मिला चौथा स्थान
  3. जरा सी चूक से मेडल गंवाया

टूट गया अदिति का दिल

शुक्रवार को दूसरे नंबर पर काबिज अदिति अशोक (Aditi Ashok) चौथे और आखिरी राउंड के बाद 3 अंडर 68 और कुल 15 अंडर 269 के स्कोर के साथ चौथे नंबर पर खिसक गईं. उन्होंने कहा,‘किसी और टूर्नामेंट में मुझे खुशी होती लेकिन ओलंपिक में चौथे स्थान पर रहकर खुश होना मुश्किल है. मैने अच्छा खेला और अपना सौ फीसदी दिया.’

 

'इससे बेहतर प्रदर्शन कर सकती थी'

वीमेंस गोल्फ (Women's Golf) के आखिरी राउंड में 5 बर्डी और 2 बोगी करने वाली अदिति अशोक (Aditi Ashok) ने कहा,‘मुझे लगता है कि आखिरी दौर में इससे बेहतर प्रदर्शन कर सकती थी.’ उन्होंने उम्मीद जताई कि उनके प्रदर्शन से लोगों की इस खेल में रूचि बढेगी जिसे अभी तक अभिजात्य वर्ग का खेल माना जाता रहा है.

 

 

‘काश मैं मेडल जीत पाती'

अदिति ने कहा,‘काश मैं मेडल जीत पाती लेकिन मुझे उम्मीद है कि अभी भी सब खुश होंगे. मैने आखिरी दौर से पहले इस बारे में ज्यादा नहीं सोचा कि लोग मुझे टीवी पर देख रहे हैं. कुछ और अच्छे प्रदर्शन से खेल में लोगों की दिलचस्पी बढ़ेगी. ज्यादा बच्चे गोल्फ खेलने लगेंगे. जब मैने गोल्फ खेलना शुरू किया तो कभी सोचा नहीं था कि ओलंपिक खेलूंगी. गोल्फ उस वक्त ओलंपिक का हिस्सा नहीं था. कड़ी मेहनत और अपने खेल का पूरा मजा लेकर आप यहां तक पहुंच सकते हैं.’

 

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