नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने टोक्यो ओलंपिक के जैवलिन थ्रो फाइनल में गोल्ड जीतकर इतिहास रच दिया. जीत के बाद उन्होंने कहा है कि यह अविश्वसनीय लग रहा है.
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नई दिल्ली: टोक्यो ओलंपिक में भारतीय जैवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने गोल्ड पर निशाना लगाकर इतिहास रच दिया. जैवलिन थ्रो फाइनल में नीरज ने 87.58 की सर्वश्रेष्ठ दूरी तय करते हुए गोल्ड पर कब्जा किया. क्वालिफिकेशन राउंड में भी नीरज अपने ग्रुप में टॉप पर रहे थे.
चोपड़ा तीन दिन पहले क्वालीफिकेशन में शीर्ष पर रहे थे और फाइनल्स में उन्होंने इससे भी बेहतर प्रदर्शन किया और 87.58 मीटर की दूरी के सर्वश्रेष्ठ प्रयास से पहला स्थान हासिल किया जिससे वह ओलंपिक में व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले दूसरे भारतीय बन गये जो देश का ट्रैक एवं फील्ड स्पर्धा में भी पहला पदक है.
स्टार भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा ने ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रचने के बाद कहा, ‘यह अविश्वसनीय लग रहा है’. नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) ने दावा किया कि वह पोडियम के शीर्ष स्थान के लिये आश्वस्त नहीं थे जबकि वह अपने प्रदर्शन के दौरान आत्मविश्वास से भरे हुए थे.
तेईस साल के चोपड़ा ने ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीतने के बाद कहा, ‘‘विश्वास नहीं हो रहा. पहली बार है जब भारत ने एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक जीता है इसलिये मैं बहुत खुश हूं. हमारे पास अन्य खेलों में ओलंपिक का एक ही स्वर्ण है’. उन्होंने कहा, ‘एथलेटिक्स में यह हमारा पहला ओलंपिक पदक है. यह मेरे और देश के लिये गर्व का क्षण है’.
यह पूछने पर कि क्या वह स्वर्ण पदक जीतकर हैरान थे जिसमें जर्मनी के महान एथलीट योहानेस वेटर भी शामिल थे. उन्होंने कहा, ‘क्वालीफिकेशन राउंड में मैंने काफी अच्छा थ्रो फेंका था इसलिये मैं जानता था कि मैं फाइनल में बेहतर कर सकता हूं’.
उन्होंने कहा, ‘लेकिन मैं नहीं जानता कि यह स्वर्ण होगा लेकिन मैं बहुत खुश हूं’. किसी ने भी इसकी उम्मीद नहीं की होगी कि चोपड़ा ओलंपिक जैसे मंच पर इस तरह से दबदबा बनाकर स्वर्ण पदक जीतेंगे.