जब से कविता ने वर्ल्ड रेसलिंग एंटेरटेनमेंट यानी WWE की रेसलिंग में भाग लिया है, तब से वह लगातार चर्चा में बनी हुई हैं.
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नई दिल्ली : भारत की पहली महिला पहलवान कविता देवी इन दिनों चर्चा में हैं. जब से उन्होंने वर्ल्ड रेसलिंग एंटेरटेनमेंट यानी WWE की रेसलिंग में भाग लिया है, तब से वह लगातार चर्चा में बनी हुई हैं. लेकिन ऐसा नहीं है कि वह हमेशा ही इतनी चर्चित हस्ती थीं. एक बार वह काफी टूट चुकी थीं. बात इतनी आगे बढ़ चुकी थी कि वह आत्महत्या तक करना चाहती थीं. 34 साल की कविता वेटलिफ्टिंग में स्वर्ण पदक जीत चुकी हैं. लेकिन अब एक प्रोफ़ेशनल रेसलर हैं. कविता ने अपने करिअर की शुरुआत वेटलिफ्टिंग से की थी. वह कई वर्षों तक वेटलिफ्टिंग करती रहीं. लेकिन जैसे ही शादी और बच्चे हुए तो उनसे साफ साफ कह दिया गया कि अब खेल को छोड़ दो.
कविता ने बीबीसी से में बताया कि शादी और बच्चे के बाद मुझे कहा गया था कि मैं खेल छोड़ दूं. इसी दौरान एक ऐसा भी समय आया जब मुझे जिंदगी और मौत के बीच चुनना था. मैंने अपनी जान देने की कोशिश की. मेरा खेल का करियर लगभग खत्म था. अगर कोई औरत कामयाब होती है तो कभी-कभी उसका पति ये बर्दाश्त नहीं कर पाता.
इसके बाद कविता ने अपने आप को संभाला. अंतत: उन्होंने परिवार को मनाया. इसके बाद उन्होंने एशियन गेम्स में गोल्ड मैडल जीत लिया. उसके बाद से ही वह रेसलिंग की ओर मुड़ीं.
हरियाणा की रहने वाली कविता अब WWE में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भाग लेने वाली भारत की पहली महिला रेसलर बन गई हैं. अब वो कॉन्ट्रैक्ट साइन करने वाली भारत की पहली महिला पहलवान बन गई हैं. अभी वह एक और wwe के पहलवान खली की अकादमी में ट्रेनिंग ले रही हैं.
कविता तब सबसे ज्यादा चर्चा में आईं थीं, जब उन्होंने सलवार सूट में रिंग में कुश्ती लड़ी थी.