महावीर फोगाट अपनी बेटी बबीता का कॉमनवेल्थ गेम्स में सिल्वर मेडल जीतने के अभियान का साक्षी नहीं बन पाये क्योंकि वह मुकाबला स्थल तक पहुंचने का टिकट हासिल नहीं कर पाये.
Trending Photos
गोल्ड कोस्ट : यहां उन्हें कमरे में बंद करने के लिये कोई असंतुष्ट कोच नहीं था जैसा की फिल्म ‘दंगल’ में दिखाया गया है, लेकिन महावीर फोगाट तब भी अपनी बेटी बबीता का कॉमनवेल्थ गेम्स में सिल्वर मेडल जीतने के अभियान का साक्षी नहीं बन पाये, क्योंकि वह मुकाबला स्थल तक पहुंचने का टिकट हासिल नहीं कर पाये. इस दिग्गज कोच, जिनकी जीवनी पर फिल्म ‘दंगल’ बनी है, यहां बबिता (53 किग्रा) का मुकाबला देखने के लिये आये थे. लेकिन जब उनकी बेटी करारा स्पोर्ट्स एंड लीजर सेंटर में अपना मुकाबला लड़ रही थी तब उन्हें बाहर इंतजार करना पड़ा.
इस पूरे घटनाक्रम से दुखी बबीता ने कहा, ‘मेरे पिताजी पहली बार मेरा मुकाबला देखने के लिये आये थे, लेकिन मुझे दुख है कि सुबह से यहां होने के बावजूद वह टिकट हासिल नहीं कर पाये. एक खिलाड़ी दो टिकट का हकदार होता है, लेकिन हमें वे भी नहीं दिये गये. मैंने अपनी तरफ से बहुत कोशिश की, लेकिन उन्हें बाहर बैठना पड़ा. वह यहां तक कि टीवी पर भी मुकाबला नहीं देख पाये.’
महावीर फोगाट आखिर में तब अंदर पहुंच पाये जब आस्ट्रेलियाई कुश्ती टीम बबिता की मदद के लिये आगे आयी और उन्होंने उसे दो टिकट दिए. बबीता ने कहा, ‘जब मैंने आस्ट्रेलियाई टीम से दो पास देने के लिये कहा तब वह अंदर आ पाये. आस्ट्रेलियाई टीम ने मेरी उन्हें एरेना तक लाने में मदद की. मैंने आईओए से लेकर दल प्रमुख तक हर किसी से मदद के लिये गुहार लगाई. मैं रात दस बजे तक गुहार लगाती रही, हालांकि आज मेरा मुकाबला था और मुझे विश्राम करने की जरूरत थी.’
CWG 2018 : बरसते मेडल के बीच जानें चिंता वाली बात, बेस्ट परफॉर्मेंस से पीछे है भारत
उन्होंने कहा, ‘इससे बहुत बुरा लगता है. मैंने दल प्रमुख सहित हर किसी से बात की थी.’ दल प्रमुख विक्रम सिसौदिया ने कहा कि पहलवानों के लिये जो टिकट थे, उन्हें उनके कोच राजीव तोमर को दिया गया था और इन्हें बांटना उनकी जिम्मेदारी थी. उन्होंने कहा, ‘हमें राष्ट्रमंडल खेल महासंघ से जो टिकट मिले थे, हमने उन्हें संबंधित कोच को दे दिया था. हमें कुश्ती के पांच टिकट मिले थे जो हमने तोमर को दे दिये थे. मुझे नहीं पता कि उसे टिकट क्यों नहीं मिल पाया. लगता है कि मांग काफी अधिक थी.’
# My hanikarak bapu reach Australia to encourage my sisters @BabitaPhogat Phogat @Phogat_Vinesh Phogat for tomorrow dangal 2#real hero @MahabirPhogat #Dayakaur
# Gold Coast 2018 Commonwealth Games
#12 April 2018
# Live on set max pic.twitter.com/5PWhyokMOz— WrestlerRitu (@PhogatRitu) April 11, 2018
@BabitaPhogat sharing 3 rd #cwg2018wrestling medal of her career with her pillar of strength @MahabirPhogat & Mom congrats Champion family @geeta_phogat pic.twitter.com/Z0cIVdXlYI
— #CWG #GoldCoast2018 #GC2018 #CommonwealthGames (@SunilYashKalra) April 12, 2018
बबिता से जब पूछा गया कि जब माता पिता को एक्रीडिएशन दिलाने की बात आती है तो क्या सभी खिलाड़ियों के साथ समान रवैया अपनाया जाना चाहिए, उन्होंने कहा, ‘‘पहली बार मेरे पिताजी इतनी दूर मेरा मुकाबला देखने के लिये आये थे. मुझे दुख है कि उन्हें इंतजार करना पड़ा.’’ बबिता ने कहा, ‘‘मुझे इसकी परवाह नहीं कि उन्हें एक्रीडिएशन मिलता है या नहीं. मेरे लिये तो यह केवल एक टिकट का सवाल था. वह कम से कम मुकाबला तो देख सकते थे. ’’
Watch the Phogat pride @BabitaPhogat tackle her Nigerian opponent to victory at this 'Dangal' we call call the Commonwealth Games. #RangDeTiranga #GC2018 #IndiaAtCWG @MahabirPhogat @geeta_phogat pic.twitter.com/GkGRGDqn10
— SonyLIV (@SonyLIV) April 12, 2018
.@BabitaPhogat wins her third Commonwealth medal with a Silver after puts up she a tough fight against Australia. This is her second win of the day. Watch the winning moment here. #RangDeTiranga #GC2018 #IndiaAtCWG #WeLIVtoEntertain pic.twitter.com/Ht5IevBnpE
— SonyLIV (@SonyLIV) April 13, 2018
उन्होंने शटलर साइना नेहवाल की अपने पिता को सभी क्षेत्रों में पहुंच रखने वाला एक्रीडिएशन नहीं देने पर खेलों से हटने की धमकी के संदर्भ में कहा, ‘लेकिन एक खिलाड़ी के माता पिता को एक्रीडिएशन मिलता है तो दूसरों को भी मिलना चाहिए. केवल एक खिलाड़ी को ही यह सुविधा क्यों दी गयी.’’