भारत जाकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहेंगे वीरेंद्र सहवाग
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भारत जाकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहेंगे वीरेंद्र सहवाग

अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी से दुनिया भर के क्रिकेट प्रेमियों के दिलों पर राज करने वाले सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने अपने 37वें जन्मदिन से एक दिन पहले सोमवार को यहां घोषणा की कि वह भारत जाकर संन्यास की घोषणा कर देंगे। उन्होंने अगले साल होने वाले मास्टर्स चैंपियन्स लीग 2020 में भाग लेने की पुष्टि करते हुए यह घोषणा की।

भारत जाकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहेंगे वीरेंद्र सहवाग

दुबई : अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी से दुनिया भर के क्रिकेट प्रेमियों के दिलों पर राज करने वाले सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने अपने 37वें जन्मदिन से एक दिन पहले सोमवार को यहां घोषणा की कि वह भारत जाकर संन्यास की घोषणा कर देंगे। उन्होंने अगले साल होने वाले मास्टर्स चैंपियन्स लीग 2020 में भाग लेने की पुष्टि करते हुए यह घोषणा की।

इस लीग में केवल संन्यास लेने वाले क्रिकेटर ही भाग ले सकते हैं। सहवाग ने तेज गेंदबाज जहीर खान के संन्यास की घोषणा करने के दो दिन बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहने का फैसला किया। इस वेटरन्स 2020 लीग के लांच के लिये दुबई गये सहवाग से पूछा गया कि वह संन्यास ले चुके खिलाड़ियों की लीग में कैसे खेल सकते हैं, उन्होंने कहा, ‘यदि मैं संन्यास नहीं लेता हूं तो नहीं खेलूंगा। मैं भारत जाकर संन्यास की घोषणा करूंगा।’

सहवाग के साथ लांच के अवसर पर ब्रायन लारा, ग्रीम स्मिथ और अजहर महमूद भी उपस्थित थे। एमसीएल अगले साल फरवरी में खेला जाएगा जिसका मतलब है कि सहवाग हरियाणा की तरफ से रणजी ट्राफी में खेलकर वेटरन्स लीग से जुड़ेंगे। सहवाग पिछले दो साल से भी अधिक समय से भारतीय टीम से बाहर चल रहे थे। उन्होंने अपना आखिरी टेस्ट मैच मार्च 2013 में आस्ट्रेलिया के खिलाफ हैदराबाद में खेला था।

मध्यक्रम के बल्लेबाज के रूप में शुरूआत करने वाले सहवाग ने अपना पहला टेस्ट मैच नवंबर 2001 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ ब्लोमफोंटेन में खेला था जिसमें उन्होंने 105 रन की शानदार पारी खेली थी। बाद में वह भारत की तरफ से नियमित सलामी बल्लेबाज बन गये और उन्होंने अपने करियर में कई यादगार पारियां खेली। सहवाग के संन्यास की खबर पर पूर्व कप्तान अनिल कुंबले ने कहा कि उन्होंने कभी उनकी तरह का बल्लेबाज नहीं देखा। कुंबले ने ट्वीट किया, ‘शीर्ष क्रम में कोई भी आपकी बल्लेबाजी की बराबरी नहीं कर सकता। शानदार करियर, मैच विजेता और बेहतरीन टीम सदस्य।’

भारतीय टीम 2004 में जब पाकिस्तान दौरे पर गयी तो सहवाग ने मुल्तान में 309 रन बनाकर भारतीय क्रिकेट में नया इतिहास रचा था। वह टेस्ट मैचों में तिहरा शतक जड़ने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बने थे। इसके बाद उन्होंने 2008 में चेन्नई में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 319 रन की पारी खेली जो आज भी भारत की तरफ से टेस्ट मैचों में किसी बल्लेबाज का सर्वाधिक स्कोर है।

इस सत्र में दिल्ली के बजाय हरियाणा की तरफ से रणजी ट्राफी में खेल रहे सहवाग ने 19 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 394 रन बनाये। उन्होंने अपना आखिरी टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच 2012 में खेला था। सहवाग ने दुनिया को दिखाया कि किस तरह से कम से कम फुटवर्क का उपयोग किये बिना गेंद को सीमा रेखा के पार भेजा जा सकता है। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में किसी भी अन्य बल्लेबाज की तुलना में अधिक तेजी से रन बनाये। नजफगढ़ में पैदा हुए सहवाग ने भी अपनी पीढ़ी के अन्य युवाओं की तरह तेंदुलकर जैसा बनने का सपना पाला था। अपने पहले टेस्ट मैच में उन्हें तेंदुलकर के साथ साझेदारी निभाने का मौका मिला जिसमें इन दोनों ने शतक जमाये थे।

 

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