....जब एक 'अफ्रीकी' ने दक्षिण अफ्रीका को हराकर उनके सपनों को चकनाचूर कर दिया
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....जब एक 'अफ्रीकी' ने दक्षिण अफ्रीका को हराकर उनके सपनों को चकनाचूर कर दिया

न्यूजीलैंड ने मंगलवार को वर्ल्ड कप 2015 के सेमीफाइनल मैच में 4 विकेट से मात देकर पहली बार फाइनल में अपनी जगह सुनिश्चित की है। मैच के दौरान एक वक्त ऐसा लगा कि न्यूजीलैंड के हाथों से यह मैच फिसल जाएगा लेकिन उसकी टीम के ऑलराउंडर खिलाड़ी ग्रैन्ट इलियॉट ने अंत-अंत तक जीत दिलाकर ही दम लिया। किसे मालूम था एक दक्षिण अफ्रीका में ही जन्मा खिलाड़ी ही उनके (दक्षिण अफ्रीका के) जीत के सपनों को चकनाचूर कर देगा।  

....जब एक 'अफ्रीकी' ने दक्षिण अफ्रीका को हराकर उनके सपनों को चकनाचूर कर दिया

ऑक्लैंड: न्यूजीलैंड ने मंगलवार को वर्ल्ड कप 2015 के सेमीफाइनल मैच में 4 विकेट से मात देकर पहली बार फाइनल में अपनी जगह सुनिश्चित की है। मैच के दौरान एक वक्त ऐसा लगा कि न्यूजीलैंड के हाथों से यह मैच फिसल जाएगा लेकिन उसकी टीम के ऑलराउंडर खिलाड़ी ग्रैन्ट इलियॉट ने अंत-अंत तक जीत दिलाकर ही दम लिया। किसे मालूम था एक दक्षिण अफ्रीका में ही जन्मा खिलाड़ी ही उनके (दक्षिण अफ्रीका के) जीत के सपनों को चकनाचूर कर देगा।  

न्यूजीलैंड का वर्ल्ड कप फाइनल में पहुंचने का सपना पूरा किया उनके आलराउंडर खिलाड़ी ग्रेन्ट इलियॉट ने। इलियॉट मूल रूप से दक्षिण अफ्रीका के ही है जिनका जन्म दक्षिण अफ्रीका के जोहानसबर्ग में हुआ है। इलियॉट ने पांचवीं गेंद पर जब छक्का लगाकर जीत दिलाई तो पूरा स्टेडियम शोर-शराबे और आतिशबाजी के रंगों में रंग गया।
 
इलियॉट ने मैच विनिंग पारी खेली । इलियॉट ने अपनी पारी में 73 गेंदों का सामना किया, जिसमें उन्होंने तीन छक्के और सात चौकों की मदद से 84 रन बनाए और द. अफ्रीका के सबसे तेज गेंदबाज डेल स्टेन की गेंद पर छक्का जड़कर न्यूजीलैंड को जीत दिलाई।

गौर हो कि वर्ल्ड कप फाइनल में पहुंचने के लिए न्यूजीलैंड को 40 साल का लंबा इंतजार करना पड़ा। इससे पहले न्यूजीलैंड छह बार वर्ल्ड कप के सेमीफाइनल में प्रवेश कर चुकी थी, लेकिन एक बार भी वो फाइनल में अपनी जगह नहीं बना पाई थी।

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