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सिडनी: ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल से पहले टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा ने कहा कि वनडे क्रिकेट में पारी की शुरुआत से उनका खेल और रवैया बदल गया है। उन्होंने कहा, बल्लेबाजी क्रम में उपर आने से मेरा खेल और तरीका बदला है। मैं अब अधिक जिम्मेदार हो गया हूं। मैं जब भी बल्लेबाजी के लिए जाता हूं तो यही सोचकर जाता हूं कि ज्यादा से ज्यादा ओवर खेलने है। मुझे उपरी क्रम पर बल्लेबाजी में मजा आ रहा है। रोहित ने स्वीकार किया कि एससीजी की पिच पर कुछ टर्न मिलेगा लेकिन कहा कि भारतीय गेंदबाजी आक्रमण स्पिनरों या तेज गेंदबाजों पर निर्भर नहीं है।
रोहित ने यह भी कहा कि थोड़ी बहुत छींटाकशी से उन्हें ऐतराज नहीं है लेकिन सीमा पार नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा, छींटाकशी खेल में होती रहती है लेकिन सीमा का ध्यान रखन चाहिए। पेशेवर क्रिकेटर होने के नाते हम सभी को पता होना चाहिए कि सीमा पार नहीं करनी है। हमें छींटाकशी की बजाय अपनी रणनीति पर फोकस करना चाहिए।
उन्होंने कहा, यदि आप एससीजी का इतिहास देखें तो आपको पता चलेगा कि यहां स्पिनरों ने उम्दा गेंदबाजी की है। ऑस्ट्रेलिया में टेस्ट मैचों में स्पिनरों की भूमिका अहम रही है। यदि यहां गेंद टर्न लेती है तो हमारे पास अच्छे स्पिनर हैं। उन्होंने तेज गेंदबाजों की भी तारीफ करते हुए कहा, इस टूर्नामेंट में सात मैचों में हमने 70 विकेट लिए हैं और तेज गेंदबाजों तथा स्पिनरों सभी को विकेट मिले हैं। यह अच्छा संकेत है।
रोहित ने कहा कि ऑस्ट्रेलियाई टीम की भी कमजोरियां है और क्वार्टर फाइनल में पाकिस्तान के वहाब रियाज ने यह साबित कर दिया। उन्होंने कहा, अच्छी तेज गेंदबाजी के सामने उन्हें परेशानी होती है और पाकिस्तान के खिलाफ मैच में हमने यह देखा। हमारा गेंदबाजी आक्रमण अलग है और हमें अपनी ताकत को ध्यान में रखना होगा।