चीन के शी युकी ने वर्ल्ड टूर फाइनल्स के सेमीफाइनल में भारत के समीर वर्मा को हराया.
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ग्वांग्झू (चीन): भारतीय शटलर समीर वर्मा का बीडब्ल्यूएफ वर्ल्ड टूर फाइनल्स (BWF World Tour Finals) में शानदार सफर सेमीफाइनल में थम गया. उन्हें शनिवार (15 दिसंबर) को विश्व चैंपियनशिप के रजत पदक विजेता चीन के शी युकी से हार का सामना करना पड़ा. इसके साथ ही उनकी खिताबी उम्मीदें भी टूट गईं. अब भारत की उम्मीदें पीवी सिंधु पर लगी हैं, जो महिला सिंगल्स के फाइनल में पहुंच चुकी हैं.
वर्ल्ड नंबर-14 समीर वर्मा का शनिवार को पुरुष सिंगल्स सेमीफाइनल में विश्व के दूसरे नंबर के चीनी खिलाड़ी शी युकी से मुकाबला हुआ. भारतीय खिलाड़ी ने इस साल के ऑल इंग्लैंड चैंपियन के रजत पदक विजेता शी युकी को कड़ी टक्कर दी. उनके पास दूसरे गेम में एक समय जीत का बेहतरीन मौका था, लेकिन वे इसका फायदा नहीं उठा पाए. पहला गेम 21-12 से जीतने वाले समीर दूसरे गेम में 20-19 से आगे थे, लेकिन इस मौके पर मैच प्वाइंट गंवा बैठे. शी युकी ने इसका फायदा उठाते हुए ना सिर्फ गेम में बराबरी की, बल्कि इसे जीत भी लिया.
चीनी खिलाड़ी ने इसके बाद तीसरे गेम में भारतीय खिलाड़ी को पर दबाव बनाए रखा और एक घंटे आठ मिनट के मुकाबले के बाद मैच अपने नाम कर लिया. उन्होंने यह मुकाबला 12-21, 22-20, 21-17 से जीता. अब फाइनल में उनका मुकाबला जापान के केंटो मोमोता और दक्षिण कोरिया के सोन वान हो के विजेता से होगा.
पीवी सिंधु लगातार दूसरी बार फाइनल में
इससे पहले पीवी सिंधु ने टूर्नामेंट में जीत का सिलसिला कायम रखते हुए फाइनल में जगह बना ली है. उन्होंने सेमीफाइनल में थाईलैंड की रतचानोक इंतानोन को 21-16, 25-23 से हराया. सिंधु की यह टूर्नामेंट में लगातार चौथी जीत है. उन्होंने इससे पहले ग्रुप मैचों में अमेरिका की बीवेन झेंग, ताइवान की ताई जू यिंग और जापान की अकाने यामागुची को हराया था. सिंधु ने लगातार दूसरी बार वर्ल्ड टूर फाइनल्स के फाइनल में जगह बनाई है.
अब सिंधु और ओकुहारा का मुकाबला होगा
23 वर्षीय पीवी सिंधु का अब फाइनल में जापान की नोजोमी ओकुहारा से मुकाबला होगा, जिनसे वह पिछले साल विश्व चैंपियनशिप के फाइनल में हार गई थीं. दूसरी सीड ओकुहारा ने सेमीफाइनल में अपने ही देश की अकाने यामागुची को हराया. ओकुहारा ने यामागुची को 21-17, 21-14 से हराया. उन्हें यह मुकाबला जीतने में 46 मिनट लगे. ओकुहारा की यामागुची पर यह 12वीं जीत है. यामागुची भी उन्हें छह बार हरा चुकी हैं.
मुझ पर कोई दबाव नहीं: पीवी सिंधु
सिंधु ने मैच के बाद कहा, ‘मुझे लगता है कि मैंने अपने खेल में सुधार किया है. मैं अब पहले की तुलना में मानसिक रूप से अधिक मजबूत हो गई हूं क्योंकि पहले मैं अंक गंवाने पर उसके बारे में काफी सोचने लग जाती थी.’ सिंधु ने कहा, ‘मैं जानती हूं कि मैंने कई रजत पदक जीते हैं लेकिन इसका कोई दबाव नहीं है. मैंने पिछले चार मैचों में जैसा खेल दिखाया है वैसा ही आगे भी जारी रखूंगी. अगर मैं यह खिताब जीतती हूं तो यह मेरे लिए काफी मायने रखेगा.’
(इनपुट: भाषा)