पाकिस्तान से आई आवाज, बार-बार पैदा नहीं होता धोनी जैसा कप्तान
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पाकिस्तान से आई आवाज, बार-बार पैदा नहीं होता धोनी जैसा कप्तान

पाकिस्तान के पूर्व कप्तान जहीर अब्बास ने महेंद्र सिंह धोनी के पाकिस्तान में 2005-06 के प्रदर्शन को याद करते हुए कहा कि उसके जैसे कप्तान बार-बार पैदा नहीं होते लेकिन बतौर बल्लेबाज भी धोनी का योगदान कम नहीं है।

पाकिस्तान से आई आवाज, बार-बार पैदा नहीं होता धोनी जैसा कप्तान

नई दिल्ली : पाकिस्तान के पूर्व कप्तान जहीर अब्बास ने महेंद्र सिंह धोनी के पाकिस्तान में 2005-06 के प्रदर्शन को याद करते हुए कहा कि उसके जैसे कप्तान बार-बार पैदा नहीं होते लेकिन बतौर बल्लेबाज भी धोनी का योगदान कम नहीं है।

धोनी ने बुधवार को सीमित ओवरों की कप्तानी छोड़ने का ऐलान करके सभी को चौंका दिया। अब्बास ने पाकिस्तान से बातचीत में कहा, ‘मुझे याद पड़ता है जब 2005-06 में भारतीय टीम पाकिस्तान दौरे पर आई थी और लाहौर में धोनी ने 46 गेंद में 72 रन बनाकर भारत को जीत दिलाई थी। वहीं से उसके स्टारडम की शुरूआत हुई थी जब जनरल परवेज मुशर्रफ ने सरेआम उसके हेयर स्टाइल की तारीफ की थी।’ 

जहीर ने कहा, ‘धोनी जैसे कप्तान बार-बार पैदा नहीं होते लेकिन बतौर बल्लेबाज भी उसका योगदान कम नहीं रहा है। जब-जब भारतीय टीम पर संकट आया है, उसने जरूरत के समय मोर्चे से अगुवाई करते हुए रन बनाये हैं। भारतीय क्रिकेट को उसका योगदान अतुलनीय है और तीनों प्रारूपों में उसके नेतृत्व में भारतीय टीम ने कामयाबी की नयी बुलंदियों को छुआ।’ 

यह पूछने पर कि बतौर कप्तान उनकी सबसे बड़ी खूबी क्या रही, अब्बास ने कहा, ‘वह मैदान पर तनाव और दबाव के क्षणों में भी काफी कूल रहता था। ऐसे कैप्टन कूल बिरले ही होते हैं। इतनी सफलता मिलने के बाद भी उसके पैर जमीन पर ही रहे जो काबिले तारीफ है।’ 

अब्बास ने कहा, ‘उसकी अभी इतनी उम्र नहीं हुई है और कोई उसे संन्यास लेने के लिये बाध्य नहीं कर सकता। मुझे लगता है कि एक खिलाड़ी को पता चल जाता है कि उसे कब तक खेलना है और वह अपने करियर के आखिरी दौर में इत्मीनान से अपने खेल का मजा लेना चाहता है। धोनी ने बतौर कप्तान सब कुछ हासिल कर लिया और अब वह अपने खेल का मजा लेना चाहता होगा।’ 

उन्होंने यह भी कहा कि समय-समय पर धोनी ने अपनी निर्णय क्षमता से अपने आलोचकों को गलत साबित किया है। अब्बास ने कहा, ‘उपमहाद्वीप में प्रशंसक काफी जज्बाती होते हैं और धोनी ने भी खराब दौर देखा है। लेकिन मैंने हमेशा उसका समर्थन किया है क्योंकि कप्तान मैदान पर होता है और उसे पता होता है कि टीम के हित में क्या सही होगा। वह टीम के हित में फैसले लेता है और उसने भी वही किया।’

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