चयन समित ने द्रोणाचार्य अवॉर्ड के लिए पांच नामों की सिफारिश की थी. खेल मंत्रालय ने तेजा को छोड़ बाकी नामों को मंजूरी दे दी है.
Trending Photos
नई दिल्ली: तीरंदाजी कोच जीवनजोत सिंह तेजा को द्रोणाचार्य अवॉर्ड नहीं दिया जाएगा. खेल मंत्रालय ने उनका नाम अनुशासनहीनता के पुराने मामले के कारण द्रोणाचार्य अवॉर्ड के लिए नामितों की सूची से हटा दिया है. खेल मंत्रालय ने बुधवार को उनके अलावा उन सभी नामों को मंजूरी दे दी, जिनके नामों की सिफारिश चयन समिति ने खेल रत्न, अर्जुन, द्रोणाचार्य और ध्यानचंद अवॉर्ड के लिए की थी.
तेजा उन पांच कोच में शामिल थे जिनके नाम की सिफारिश द्रोणाचार्य अवॉर्ड के लिए की गई थी. तेजा पर कोरिया में विश्व विश्वविद्यालय खेलों के दौरान एक घटना के कारण एक साल का प्रतिबंध लगा था. खेल मंत्रालय के सूत्र ने बताया, ‘तेजा पर 2015 की एक घटना के कारण के कारण अनुशासनहीनता के लिए एक साल का प्रतिबंध लगा था. वे विश्व विश्विद्यालय खेलों में मुख्य तीरंदाजी कोच थे. तब महिला टीम समय पर प्रतियोगिता के लिये नहीं पहुंची थी और भारत को देर से पहुंचने के कारण मैच गंवाना पड़ा था. भारतीय तीरंदाजी महासंघ ने इस घटना के बाद उन पर एक साल का प्रतिबंध लगाया था.’
कोर्ट में चुनौती देंगे तेजा
तीरंदाजी संघ के एक अधिकारी ने कहा, ‘यह सच है कि तेजा पर 2015 की घटना के बाद एक साल का प्रतिबंध लगा था, लेकिन प्रतिबंध समाप्त होने के बाद उन्होंने अच्छे परिणाम दिए. अगर इस घटना के आधार पर उनका नाम हटाया गया है तो यह उनके साथ अन्याय है.’ तेजा ने इस पर प्रतिक्रिया करते हुए खेल मंत्रालय के कदम को ‘अन्यायपूर्ण’ करार दिया. उन्होंने कहा कि वे इसके खिलाफ अदालत में जाएंगे.
अगर मैं गलत हूं तो जांच कराएं
2015 से नेशनल कंपाउंड तीरंदाजी कोच रहे तेजा ने कहा, ‘कुछ लोग हैं जो मेरी प्रतिष्ठा खराब करना चाहते हैं. जो तीरंदाज मुझसे प्रशिक्षण लेते हैं उनसे पूछो. उनसे पूछो कि मैंने उनके अभ्यास के तरीके में क्या प्रभाव डाला. अगर मैं इस मामले में गलत था तो इसका जांच करवाएं’ भारतीय विश्वविद्यालय संघ (एआईयू) ने 2015 की घटना के लिए उन पर तीन साल और एएआई ने एक साल का प्रतिबंध लगाया था.
गलती नहीं मिलने पर एआईयू ने प्रतिबंध घटाया था
तेजा ने कहा, ‘एआईयू ने भी प्रतिबंध घटाकर डेढ़ साल का कर दिया था क्योंकि उन्होंने पाया कि गलती मेरी नहीं थी. ऐसा जानबूझकर नहीं किया गया और वह दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी. दल प्रमुख कार्यक्रम में बदलाव के बारे में जानता था लेकिन उन्होंने हमें सूचित नहीं किया. यह सरकार से मंजूरी प्राप्त प्रतियोगिता भी नहीं थी और मैं अपनी जेब से पैसा लगाकर वहां गया था.’
अगर मैं गलत था, तो एशियन गेम्स में क्यों भेजा
उन्होंने कहा, ‘मैंने एएआई का एक साल का प्रतिबंध भी झेला है. जब मुझे सजा मिल चुकी है तो क्या यह घटना जिंदगी भर मेरा पीछा करती रहेगी. अगर मैं गलत था तो मुझे भारतीय कोच के रूप में एशियन गेम्स में क्यों भेजा गया. मेरी 2015 के बाद की उपलब्धियों का क्या होगा, क्या उन पर विचार नहीं किया जाएगा. यह वास्तव में निराशाजनक है.’
25 सितंबर को होगा सम्मान समारोह
द्रोणाचार्य पुरस्कार प्रशिक्षकों को चार साल तक के उनके अच्छे कार्य के लिए दिया जाता है. इसमें पांच लाख रुपए का पुरस्कार मिलता है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 25 सितंबर को राष्ट्रपति भवन में खेल पुरस्कार प्रदान करेंगे.
सचिन, धोनी के बाद विराट भी बनेंगे ‘खेल रत्न’, 10 साल में पहली बार क्रिकेटर को मिलेगा अवॉर्ड
राजीव गांधी खेल रत्न अवॉर्ड : विराट कोहली (क्रिकेट), मीराबाई चानू (वेटलिफ्टर)
अर्जुन अवॉर्ड : नीरज चोपड़ा (एथलेटिक्स), जिन्सन जॉनसन (एथलेटिक्स), हिमा दास (एथलेटिक्स), एन सिक्की रेड्डी (बैडमिंटन), सतीश कुमार (बॉक्सिंग), स्मृति मंधाना (क्रिकेट), शुभंकर शर्मा (गोल्फ), मनप्रीत सिंह (हॉकी), सविता (हॉकी), रवि राठौड़ (पोलो), राही सरनोबत (शूटिंग); अंकुर मित्तल (शूटिंग), श्रेयशी सिंह (शूटिंग), मणिका बत्रा (टेबल टेनिस), जी सथियान (टेबल टेनिस), रोहन बोपन्ना (टेनिस), सुमित (कुश्ती); पूजा काडिया (वुशु), अंकुर धामा (पैरा एथलेटिक्स), मनोज सरकार (पैरा बैडमिंटन).
द्रोणाचार्य अवॉर्ड : विजय शर्मा (वेटलिफ्टिंग), तारक सिन्हा ((क्रिकेट), सीके कुट्टप्पा (बॉक्सिंग) श्रीनिवास राव (टेबल टेनिस)
ध्यानचंद अवॉर्ड : भरत छेत्री (हॉकी), सत्य देव (तीरंदाजी), दादू चौगले (कुश्ती).