स्मार्टफोन यूजर्स रहें सावधान! खतरे में हैं आपके बैंक अकाउंट्स, जरूर पढ़ लीजिए
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स्मार्टफोन यूजर्स रहें सावधान! खतरे में हैं आपके बैंक अकाउंट्स, जरूर पढ़ लीजिए

दावा किया जा रहा है कि मालवेयर को यूजर्स के लॉगिन से जुड़ी जानकारियां चोरी करने के लिए डिजाइन किया गया है.

 

नया एंड्रॉयड मालवेयर 232 बैंकिंग ऐप्स को निशाना बना रहा है.

नई दिल्ली: स्मार्टफोन में नए-नए अपडेट तो रोजाना आते हैं. रोज नए ऐप्स भी आ रहे हैं और स्मार्टफोन यूजर बिना सोचे-समझे इन्हें डाउनलोड भी कर लेते हैं. लेकिन, ऐप्स या सॉफ्टवेयर को अपडेट करते वक्त थोड़ी सावधानी जरूर रखनी चाहिए. हाल ही में एक नया एंड्रॉयड मालवेयर ढूंढा गया है जो 232 बैंकिंग ऐप्स को निशाना बना रहा है. दावा किया जा रहा है कि मालवेयर को यूजर्स के लॉगिन से जुड़ी जानकारियां चोरी करने के लिए डिजाइन किया गया है.

  1. 232 बैंकिंग ऐप्स को निशाना बनाने वाला एंड्रॉयड मालवेयर ढूंढा गया
  2. नया मालवेयर भारतीय बैंकों के ऐप्स को निशाना बना रहा है
  3. यूजर्स से जुड़ी जानकारियां चोरी करने के लिए डिजाइन किया गया

क्या होता है मालवेयर
मालवेयर एक तरह का सॉफ्टवेयर ही होता है जिसे कंप्यूटर या स्मार्टफोन में बिना यूजर की जानकारी के सेंध मारने के लिए बनाया जाता है. इसके जरिए हैकर्स स्मार्टफोन डिवाइस को टारगेट करते हैं और उसमें से यूजर की जरूरी जानकारी चोरी कर लेते हैं. 

इन बैंकिंग ऐप्स पर है खतरा
रिपोर्ट्स के मुताबिक, नया मालवेयर भारतीय बैंकों के ऐप्स को निशाना बना रहा है. इनमें HDFC मोबाइल बैंकिंग, एक्सिस मोबाइल, SBI पर्सनल, ICICI बैंक, IDBI बैंक, बड़ौदा एमपासबुक और यूनियन बैंक के ऐप्स शामिल हैं. क्विकहील सिक्योरिटी लैब्स के मुताबिक इस एंड्रॉयड बैंकिंग मालवेयर को Android.banker.A2f8a बताया जा रहा है.

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क्यों किया गया है डिजाइन
क्विकहील सिक्योरिटी लैब्स का दावा है कि इस मालवेयर को यूजर्स के लॉगिन से जुड़ी जानकारियां चोरी करने के लिए डिजाइन किया गया है. यह मालवेयर मोबाइल के एसएमएस हाइजैक करने से लेकर खतरनाक सर्वर पर फोन के कॉन्टैक्ट्स और एसएमएस अपलोड कर सकता है.

कैसे इस मालवेयर से बचा जा सकता है इस लिंक पर क्लिक कर जानिए

फोन में कैसे भेजा जाता है मालवेयर
क्विकहील के ब्लॉग के मुताबिक, Android.banker.A2f8a फर्जी फ्लैश प्लेयर ऐप के जरिए फैलाया जा रहा है. इसे आम तौर पर थर्ड पार्टी ऐप स्टोर में भेजा जा रहा है. ऐडोब फ्लैशप्लेयर इंटरनेट पर काफी पॉपुलर प्रोडक्ट है. फ्लैश प्लेयर की लोकप्रियता दुनिया भर में काफी है, इसलिए इसे हैकर्स टारगेट पर पहुंचने के लिए इस्तेमाल करते हैं.

कैसे काम करता है ये मालवेयर
यह मालवेयर फ्लैश के जरिए आपके स्मार्टफोन में इंस्टॉल होता है. हालांकि, इंस्टॉल होने पर इसका आइकॉन नहीं दिखाई देता. दरअसल, मालवेयर बैकग्राउंड में काम करता है और इन 232 बैंकिंग ऐप्स में से किसी एक को चेक करता है. टारगेट ऐप मिलते ही स्मार्टफोन यूजर को नोटिफिकेशन भेजता है, जो दिखने में बैंकिंग ऐप जैसा ही होता है और यूजर आसानी से धोखा खा सकते हैं. नोटिफिकेशन को ओपन करते की एक फर्जी लॉग इन विंडो दिखाई देती है, यहीं से आपकी संवेदनशील जानकारियां हैकर्स के पास जाती है. मालवेयर आपके स्मार्टफोन के मैसेज को भी हाइजैक कर लेता है इसलिए यह OTP को भी रीड कर लेता है. इसलिए सावधान रहकर ही किसी नोटिफिकेशन को ऑन करें.

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