कई सारी रिसर्च के मुताबिक एंड्रॉयड स्मार्टफोन्स के सिस्टम एप आपकी जासूसी कर रहे हैं और उन एप्स के जरिए आपका डाटा भी ट्रैक किया जा रहा है. आइए इसके बारे में और जानते हैं..
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नई दिल्ली. कई सारी नई रिसर्च सामने आई हैं जो यह बताती हैं कि अगर आपके पास एक एंड्रॉयड स्मार्टफोन है तो जरूर आप पर कोई हर समय नजर रखे हुआ है. आपका सारा डाटा ट्रैक हो रहा है और इसे किसी भी तरह से रोक नहीं सकते हैं. अगर आप अपने सभी एप्स के पर्मिशन्स को बंद भी कर देते हैं, तब भी आप पर जासूसी लगातार होती रहती है. आइए इसके बारे में सब कुछ डीटेल में जानते हैं.
आपको बता दें कि रिसर्च के मुताबिक एंड्रॉयड फोन्स जिन प्री-डोनलोडेड या फिर सिस्टम एप्स के साथ आते हैं उनके जरिए यूजर का डाटा ऑपरेटिंग सिस्टम के पास और फिर वहां से थर्ड पार्टीज के पास जाता है. ये एप्स आपके कैमररी और मैसेज एप जैसी एप्स भी हो सकते हैं और ये कुछ ऐसे एप्स भी हो सकते हैं जिनका आपने कभी इस्तेमाल न किया हो.
ट्रिनिटी कॉलेज, डबलिन की एक रिसर्च के मुताबिक इस ट्रैकिंग से बचने का वैसे तो कोई उपाय नहीं है. इससे बचने के लिए केवल एक ही काम किया जा सकता है और वह है डिवाइस को रूट करना. ऐसा करना इसलिए फायदेमंद साबित हो सकता है क्योंकि आम तौर पर ये सिस्टम एप्स रीड ओन्ली मेमोरी (ROM) में भी पैकेज्ड होते हैं.
इस रिसर्च के मुताबिक एंड्रॉयड स्मार्टफोन्स में इस डाटा ट्रैकिंग का सबसे बड़ा बिजनेस सैमसंग में चलता है, फिर शाओमी, फिर हवाई और फिर रियलमी.
रिसर्च पेपर का कहना है कि इन सिस्टम एप्स को डिलीट नहीं किया जा सकता है और इन्हें वो पर्मिशन्स दी जा सकती हैं जो बाकी एप्स को नहीं मिलती हैं. एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम के लिए अपने समर्टफोन्स में एक प्री-इंस्टॉल्ड थर्ड-पार्टी सिस्टम एप्स को रखना एक आम बात है जिन्हें इस ओएस डिवेलपर ने नहीं बनाया है.
गूगल प्ले सर्विसेज, गूगल प्ले स्टोर, यूट्यूब, गूगल मैप्स, माइक्रोसॉफ्ट, लिंक्ड-इन और फेसबुक कुछ ऐसे ही एप्स के उदाहरण हैं जो एंड्रॉयड नहीं बनाता है लेकिन कई सारे स्मार्टफोन्स में ये एप्स यूजर को पहले से ही इंस्टॉल्ड मिलती हैं.
आपको बता दें कि ये सिस्टम एप आपके स्मार्टफोन पर होंगे वाली हर ऐक्टिविटी पर नजर रखते हैं और डाटा को ट्रैक करते रहते हैं.