कई बार ऐसा होता है कि हम ईमेल और जीमेल को एक दूसरे के स्थान पर इस्तेमाल कर लेते हैं बिना जाने, कि दोनों के बीच एक बहुत बड़ा अंतर है और ये दोनों एक जैसे सुनाई देने वाले शब्द मायने में एक दूसरे से अलग हैं.
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नई दिल्ली. आज के समय में सोशल मीडिया अकाउंट्स से लेकर साधारण एप्स तक, सभी जगह ईमेल अकाउंट की जरूरत होती है. अपने ईमेल अकाउंट के लॉग-इन डीटेल्स के बिना आप इन एप्स को एक्सेस नहीं कर सकते हैं. ईमेल अकाउंट की बात करें तो लगभग सभी के दिमाग में जीमेल एप का नाम आता है. लेकिन क्या आपको पता है कि ‘जीमेल’ एप ‘ईमेल’ के बिना कुछ भी नहीं है. आइए इन दोनों मिलते-जुलते शब्दों के बीच के अंतर और अहमियत को समझते हैं.
इस बात पर शायद आपने गौर किया हो कि हम अक्सर जीमेल और ईमेल शब्दों को एक ही काम के लिए इस्तेमाल करते हैं जबकि इन दोनों शब्दों में एक बहुत बड़ा अंतर है. ये दोनों भले ही एक जैसे लगते हों और एक जैसा काम करते हों, लेकिन दोनों एक दूसरे से काफी अलग भी हैं. यह कहा जा सकता है कि ‘ईमेल’ के बिना ‘जीमेल’ काम नहीं कर सकता है.
ईमेल, जिसका फुल फॉर्म इलेक्ट्रॉनिक मेल है, उसे जीमेल की नींव कहा जा सकता है. ईमेल वो अड्रेस है जिसके माध्यम से आप मेल भेजते हैं. इस अड्रेस के बिना आपकी मेल आइडी न बन सकती है और न ही काम कर सकती है. यही वह मेल अड्रेस है जिसे आप अपनी आइडी में ‘@’ के पहले लगते हैं.
जीमेल एक प्लेटफॉर्म है जिससे मेल भेजा जाता है. यह एप गूगल के जरिए आपके मैसेज को दूसरी जगह भेजता है और ऐसा करने के लिए आपको एक ईमेल अड्रेस की जरूरत होती है. इस मेल अड्रेस के बिना आप जीमेल को भी इस्तेमाल नहीं कर सकते.
यह एक बेसिक अंतर है, दो ऐसे शब्दों के बीच जिन्हें आप कई बार एक ही समझकर इस्तेमाल करते हैं. अब शायद आप समझे हों कि ईमेल ही जीमेल का आधार है, यानी किसी भी मेल को भेजने का प्लेटफॉर्म अलग हो सकता है लेकिन हर प्लेटफॉर्म को ईमेल कई जरूरत हमेशा पड़ेगी.