डेटा प्राइवेसी पर खतरे के बीच Google ने यूजर्स का कंट्रोल बढ़ाया
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डेटा प्राइवेसी पर खतरे के बीच Google ने यूजर्स का कंट्रोल बढ़ाया

Google ने पिछले महीने यूजर्स को उनकी लोकेशन हिस्ट्री और वेब तथा एप एक्टिविटी की जानकारी को सुरक्षित रखने की समय सीमा तीन या 18 महीने चुनने की नई सुविधा दी थी.

टेक कंपनियों के सामने डेटा प्राइवेसी बहुत बड़ी चुनौती है. (फाइल)

सैन फ्रांसिस्को: दुनियाभर की सरकारों के टेक कंपनियों पर निजता से संबंधित कमियों को दूर करने का दवाब डाले जाने के बीच गूगल ने उत्पादों और प्लेटफॉर्म्स पर अपने यूजर्स के लिए अतिरिक्त सुरक्षा और निजता टूल्स की घोषणा की है. कंपनी ने पिछले महीने यूजर्स को उनकी लोकेशन हिस्ट्री और वेब तथा एप एक्टिविटी की जानकारी को सुरक्षित रखने की समय सीमा तीन या 18 महीने चुनने की नई सुविधा दी थी.

गूगल के प्राइवेसी और डाटा प्रोटेक्शन कार्यालय के प्रोडक्ट मैनेजमेंट निदेशक एरिक मीराग्लिया ने कहा, "इसे चुनने पर आपके अकाउंट में इस समय सीमा से पुरानी कोई भी जानकारी अपने आप और लगातार डिलीट होती जाएगी. वेब और एप एक्टिविटी के लिए यह नया नियंत्रण सात मई से और लोकेशन हिस्ट्री में अगले महीने से आएगा."

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गूगल यूजर्स जीमेल, ड्राइव, कॉन्टैक्ट्स और पे जैसे प्रोडक्ट्स में अपने अकाउंट की प्रोफाइल पिक्चर दायीं तरफ सबसे ऊपर देख सकेंगे. मिराग्लिया ने कहा, "अपने प्राइवेसी कंट्रोल को एक्सेस करने के लिए, आपको अपनी पिक्चर पर टैप करना होगा और अपने गूगल अकाउंट के लिंक को फॉलो करना होगा." कंपनी ने कहा, "आप गूगल मैप्स में अपने लोकेशन एक्टिविटी से संबंधित जानकारी की समीक्षा कर उसे डिलीट भी कर सकेंगे." गूगल इस महीने सर्च, मैप्स, यूट्यूब, क्रोम, असिस्टेंट और न्यूज में भी ये सुविधा ला रहा है.

(इनपुट-आईएएनएस)

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