जान लीजिए: फोन में लोकेशन हिस्ट्री ऑफ करने के बाद भी गूगल को रहती है आपकी खबर
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जान लीजिए: फोन में लोकेशन हिस्ट्री ऑफ करने के बाद भी गूगल को रहती है आपकी खबर

स्मार्टफोन यूजर अक्सर अपनी प्राइवेसी का खयाल करने के लिए लोकेशन हिस्ट्री ऑफ करते हैं

प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली: अगर आप यह समझते हैं कि एक बार अगर आपने अपने स्मार्टफोन में लोकेशन हिस्ट्री ऑफ कर दी और गूगल को आपके लोकेशन की कोई जानकारी नहीं मिलेगी तो आप भ्रम में हैं. दरअसल, एक रिपोर्ट में यह सामने आया है कि लोकेशन हिस्ट्री ऑफ करने के बाद भी गूगल आपकी गतिविधि की खबर रखता है. फोन यूजर अक्सर अपनी प्राइवेसी का खयाल करने के लिए और इतनी बड़ी टेक कंपनी को डाटा शेयर न करने के उद्देश्य से लोकेशन हिस्ट्री ऑफ कर देते हैं.

  1. लोकेशन हिस्ट्री ऑफ होने के बावजूद गूगल के पास लोकेशन जानने की तकनीक.
  2. सेटिंग ऑप्शन और लैंगुएज को समझना यूजर के लिए आज भी पेचीदा है
  3. गूगल ने इस मामले में खुद को सही ठहराया और यूजर के हित में बताया

सोमवार को छपी एपी इन्वेस्टीगेशन की रिपोर्ट में बताया गया है कि गूगल की कई ऐसी अलग-अलग सेवाएं हैं जिससे गूगल, आईफोन या एंड्रॉयड फोन की गतिविधियों पर लोकेशन हिस्ट्री सेटिंग ऑफ करने के बाद भी यूजर का पता लगा लेता है.

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जब आप गूगल मैप की सेवा लेते हैं तो गूगल आपसे आपके आईफोन या एंड्रॉयड फोन के लोकेशन डाटा की अनुमति मांगता है. जब आप इसकी सहमति देते हैं तो वह आपके सही लोकेशन हिस्ट्री को रिकॉर्ड कर लेता है. यह लोकेशन हिस्ट्री टाइमलाइन के रूप में रिकॉर्ड होता चला जाता है, जिससे आप यह देख पाते हैं कि हर दिन आप कहां-कहां गए.

गूगल सपोर्ट पेज पर लोकेशन के प्रबंधन के लिए गूगल आपको कभी भी लोकेशन हिस्ट्री को ऑफ या ऑन करने की अनुमति देता है. अधिकांश यूजर यह समझते हैं कि लोकेशन हिस्ट्री ऑफ करने पर अगर आप कहीं जाते हैं तो आगे वो स्थान टाइमलाइन में रिकॉर्ड नहीं होते हैं, लेकिन एपी इन्वेस्टीगेशन कहता है कि दरअसल इसमें सच्चाई नहीं है. 

एपी ने ऐसे में किया रिसर्च
एपी ने यह रिसर्च तब शुरू की, जब यूसी बार्कले में एक ग्रेजुएट शोधकर्ता को उनके एंड्रॉयड फोन पर हाल की यात्रा को लेकर रेंटिंग देने संबंधी नोटिफिकेशन आया, वह भी तब, जब उन्होंने लोकेशन हिस्ट्री को ऑफ कर रखा था. इसका मतलब यह हुआ कि चाहे आप लोकेशन हिस्ट्री ऑफ क्यों न कर दें, तब भी गूगल आपकी अनुमति के बिना आपकी लोकेशन डाटा को स्टोर करता है.

गूगल ने दी सफाई
एपी को दी अपनी सफाई में गूगल ने कहा, कंपनी के पास कई तरीके हैं जिससे वह लोगों के अनुभव को और बेहतर करने के लिए लोकेशन का इस्तेमाल कर सकती है. इसमें लोकेशन हिस्ट्री, वेब और एप की गतिविधियां और डिवाइस के स्तर से लोकेशन सर्विस भी शामिल हैं. हम यूजर को इन टूल्स के बारे में स्पष्ट जानकारी देते हैं और मजबूत कंट्रोल प्रदान करते हैं ताकि वो किसी भी समय अपनी हिस्ट्री को डिलीट कर सकें.

गूगल ने एपी को बताया कि यूजर वेब और एप एक्टीविटी सेटिंग से एक साथ आईफोन या एंड्रॉयड फोन पर लोकेशन सर्विस को रोक सकते हैं. यह सेटिंग अपने आप ऑन हो जाते हैं और आपके गूगल अकाउंट से जुड़े एप और सर्विसेस का नियंत्रण करते हैं.

गूगल के एक प्रवक्ता ने कहा कि तकनीकी रूप से गूगल अपनी सेटिंग को लेकर दी जा रही सफाई में बिल्कुल सही है. लोकेशन हिस्ट्री सेटिंग सिर्फ वास्तविक लॉगिंग से संबंधित होता है. इसके ऑफ कर देने से गूगल की क्षमता पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता कि आप कब कहां थे. बल्कि कंपनी को इसकी खबर होती है और आपको बिल्कुल सही लोकेशन की जानकारी देती है.

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पहले भी इसलिए चर्चा में थी कंपनी
इससे पहले गूगल पिछले साल लोकेशन ट्रैकिंग की छानबीन के मामले में चर्चा में रही थी. पाया गया था कि जीपीएस लोकेशन टैकिंग ऑफ होने के बावजूद कंपनी सेल आईडी कोड के माध्यम से यूजर तक अपनी पहुंच बनाए रख सकती थी. यह सेल आईडी कोड सेलुलर टावर से प्राप्त होता था. हालांकि एपी की रिसर्च में यह बिल्कुल स्पष्ट है कि सेटिंग ऑप्शन और लैंगुएज को समझना किसी भी आईफोन या एंड्रॉयड फोन यूजर के लिए पेचीदा है.

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