Smart Glass: 5G लॉन्चिंग पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहना खास चश्मा, क्या है खासियत और कैसे करता है काम?
Jio Glass: रिलायंस जियो के इस पहले स्मार्ट ग्लास को कंपनी ने 3डी अवतार, होलोग्राफिक कंटेंट और सामान्य वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के अनुभव को ज्यादा से ज्यादा इंटरेक्टिव बनाने के लिए बनाया है. इस चश्मे का वजन करीब 75 ग्राम है. अभी यह आम यूजर्स के लिए उपलब्ध नहीं है.
Jio Glass at 5G Launch: प्रगति मैदान में आयोजित इंडिया मोबाइल कांग्रेस (IMC 2022) में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 1 अक्टूबर 2022 को देश में 5जी सर्विस को लॉन्च किया. इस इवेंट की चर्चा पूरे देश में हो रही है. इस कार्यक्रम की एक तस्वीर की चर्चा काफी हो रही है. यह तस्वीर है पीएम नरेंद्र मोदी की, जिसमें वह जियो के आउटलेट्स पर एक खास चश्मा लगाए नजर आए. हर कोई इस चश्मे के बारे में जानना चाह रहा है. चलिए हम आपको बताते हैं क्या खास है इस चश्मे में.
क्या है जियो ग्लास
नरेंद्र मोदी ने जो चश्मा इवेंट में लगाया था, वह जियो ग्लास है. रिलायंस जियो के इस पहले स्मार्ट ग्लास को कंपनी ने 3डी अवतार, होलोग्राफिक कंटेंट और सामान्य वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के अनुभव को ज्यादा से ज्यादा इंटरेक्टिव बनाने के लिए बनाया है. इस चश्मे का वजन करीब 75 ग्राम है. जियो ग्लास वर्चुअल वर्ल्ड में बातचीत को अच्छी बनाने के लिए 3D अवतारों का उपयोग करता है.
यहां कारगर हो सकता है यह चश्मा
जियो ग्लास क्योंकि वर्चुअल रियलिटी पर आधारित है. ऐसे में भविष्य में इसका इस्तेमाल e-learning, मीडिया, एंटरटेनमेंट, गेमिंग और शॉपिंग आदि के लिए किया जा सकता है. इस डिवाइस को आप स्मार्टफोन से भी कनेक्ट कर सकते हैं. ऐसे में यह आपको एक शानदार वर्चुअल वर्ल्ड का अनुभव देता है. जियो ग्लास अभी आम यूजर्स के लिए उपलब्ध नहीं है. यह एक वर्चुअल रियलिटी यानी VR ग्लास है, जिससे आप एक शानदार वर्चुअल वर्ल्ड का एक्सपीरियंस कर सकेंगे. कुल मिलाकर यह भविष्य के लिए पॉपुलर प्रोडक्ट हो सकता है. फेसबुक यानी मेटा और अन्य टेक कंपनियां भविष्य के लिए वर्चुअल वर्ल्ड पर ही फोकस कर रही है.
क्या है वीआर टेक्नोलॉजी
वर्चुअल रियलिटी (Virtual Reality) एक ऐसी तकनीक है जहां एक कृत्रिम यानी बनावटी वातावरण बनाकर इसे बिल्कुल असली माहौल की तरह हमारे सामने पेश किया जाता है. हकीकत में यह एक आभासी दुनिया होती है जो बिल्कुल वास्तविक दुनिया जैसी लगती है. इसे यूज करने के दौरान यूजर्स खुद को इस आभासी दुनिया में मौजूद महसूस करता है और इसमें होने वाले गतिविधियों के साथ interact भी कर सकता है.
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