'द ग्रेट हैक' का खुलासा, आपका डाटा नहीं है सुरक्षित, बिक रही है आपकी ऑनलाइन जानकारी
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'द ग्रेट हैक' का खुलासा, आपका डाटा नहीं है सुरक्षित, बिक रही है आपकी ऑनलाइन जानकारी

हम अब टेक दिग्गजों के लिए वस्तु बनकर रह गए हैं, जिन पर वह लगातार नजर रख रहे हैं. वह हमारा डेटा थर्ड पार्टी को दे रहे हैं. 

.(प्रतीकात्मक तस्वीर)

नई दिल्ली: फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप, स्नैपचेट पर हमारे जीवन के डिजिटल निशान हर साल एक महाशंख (ट्रिलियन) डॉलर उद्योग में इस्तेमाल किए जा रहे हैं और इससे बाहर आने का कोई रास्ता नहीं है. हम अब टेक दिग्गजों के लिए वस्तु बनकर रह गए हैं, जिन पर वह लगातार नजर रख रहे हैं. वह हमारा डेटा थर्ड पार्टी को दे रहे हैं.  यह थर्ड पार्टियां व्यक्तिगत स्तर के लक्ष्यीकरण के लिए महान विवरणों को तैयार करने में, मतदाताओं को बहकाने में और विज्ञापनदाताओं को लाभान्वित करने में और भी न जाने क्या-क्या करने में इस डेटा को प्रयोग में ला रही हैं.

नेटफ्लिक्स की एक नई डॉक्यूमेंट्री 'द ग्रेट हैक' ने इस बात को उजागर किया है कि कैसे यूके की कंपनी राजनीतिक कंसल्टेंसी फर्म कैम्ब्रिज एनालिटिका ने गौर-कानूनी रूप से 8 करोड़ 70 लाख फेसबुक यूजर्स के डॉटा को एक्सिस किया और 2016 में हुए अमरिकी राष्ट्रपति के चुनावों में डोनाल्ड ट्रंप को सत्ता में लाने में मदद की.

डॉक्यूमेंट्री में हमारे जीवन के बड़े खतरों को उजागर किया गया है.  लोगों को एक दूसरे से जोड़ने के लिए बनाए गए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को दुनिया भर के स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों को प्रभावित करने के लिए राष्ट्र-राज्य के बुरे लोगों द्वारा बेतहाशा इस्तेमाल किया जा रहा है. इनका लक्ष्य उन लोगों को ढूंढना है, जिन्हें यह नहीं पता कि वोट किसे करना है. 

जैसे ही इन्हें ऐसे लोगों की जानकारी मिलती है, यह फर्म अमेरिकी चुनाव और ब्रेक्सिट अभियान की तरह लोगों को प्रभावित करने के लिए विज्ञापनों की झड़ी लगा देते हैं. हममें से कई लोगों को इस बात की जानकारी नहीं है कि हमारा डेटा बाहर कहीं है और इसका इस्तेमाल कई अलग तरह से हमारे ही खिलाफ किया जा सकता है, जिसका हमें अंदाजा भी नहीं है.  

 

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