अब मोबाइल में लगेगा ई-सिम, नंबर पोर्ट करने भी नहीं बदलना होगा सिम
Advertisement

अब मोबाइल में लगेगा ई-सिम, नंबर पोर्ट करने भी नहीं बदलना होगा सिम

मोबाइल यूजर्स के लिए अच्छी खबर है. जल्द ही आपको ऐसी सुविधा मिलने जा रही है, जिससे आपको स्मार्टफोन में सिम लगाने या बदलने की जरूरत नहीं पड़ेगा.

सभी टेलीकॉम कंपनियां ई-सिम की सेवाएं दे सकती है.

नई दिल्ली: मोबाइल यूजर्स के लिए अच्छी खबर है. जल्द ही आपको ऐसी सुविधा मिलने जा रही है, जिससे आपको स्मार्टफोन में सिम लगाने या बदलने की जरूरत नहीं पड़ेगा. यही नहीं, मोबाइल ऑपरेटर बदलने पर भी नई सिम खरीदने या फिर बदलने की जरूरत नहीं होगी. दूरसंचार विभाग (DoT) ने इंबेडेड सिम (ई-सिम) के लिए गाइडलाइंस जारी कर दी हैं. नई गाइडलाइंस के मुताबिक, सभी टेलीकॉम कंपनियां ई-सिम की सुविधाएं दे सकती हैं. 

  1. टेलीकॉम विभाग ने ई-सिम के लिए गाइडलाइंस जारी की
  2. स्मार्टफोन में सिम लगाने या बदलने की जरूरत नहीं होगी
  3. नंबर पोर्टेबिलिटी के वक्त भी सिम नहीं बदला जाएगा

टेलीकॉम कंपनियां दर्ज करेंगी जानकारी

नई गाइडलाइंस के मुताबिक, अब यूजर्स किसी भी सर्विस प्रोवाइडर टेलीकॉम कंपनी से नया कनेक्शन लेता है तो उसके स्मार्टफोन में इंबेडेड सब्सक्राइबर आइडेंटिटी मॉड्यूल यानी ई-सिम डाल दिया जाएगा. ई-सिम इस्तेमाल करने वाले यूजर्स की जानकारी टेलीकॉम कंपनी अपने डाटाबेस में दर्ज कर लेंगी. फिलहाल, ई-सिम की टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल रिलायंस जियो और एयरटेल एप्पल वॉच में करती हैं.

सुनिश्चित करनी होगी सुरक्षा
नई गाइडलाइंस के बाद सभी टेलीकॉम कंपनियां ई-सिम की सेवाएं दे सकती है. हालांकि, कंपनियों को ई-सिम की सुरक्षा को सुनिश्चित करने की गारंटी देनी होगी. साथ ही टेलीकॉम कंपनियों को ये भी सुनिश्चित करना होगा कि ई-सिम के लाइसेंस की शर्तों का भी उल्लघंन ना हो. इसके अलावा कंपनियों को ई-सिम में भी नंबर पोर्टिबिलिटी की सुविधा देनी होगी. ई-सिम के लिए कंपनियों को डाटा सेंटर भारत में ही बनाना होगा. नियमों के मुताबिक, सेंटर भारत के बाहर नहीं होना चाहिए. इसके अलावा, ई-सिम का सर्वर भी भारत में ही होना चाहिए. 

एक यूजर को मिलेंगे अधिकतम 18 ई-सिम
इसके साथ ही विभाग ने प्रत्येक मोबाइल उपयोगकर्ता को अधिकतम 18 तक सिम का प्रयोग करने की भी इजाजत दे दी है. डॉट ने सिर्फ मोबाइल फोन के लिए नौ सिम के साथ मशीन-टू-मशीन मिलाकर कुल 18 सिम के प्रयोग की इजाजत दी है. यानी की एक यूजर को केवल अधिकतम 18 सिम कार्ड ही इश्यू की जा सकेंगी.

क्या है ई-सिम?
ई-सिम को इंबेडेड सब्सक्राइबर आइडेंटिटी मॉड्यूल कहा जाता है. यह तकनीक सॉफ्टवेयर के जरिए काम करती है. फिलहाल, इस तकनीक का इस्तेमाल स्मार्टवॉच में किया जा रहा है. लेकिन इस तकनीक को अब समार्टफोन पर रोल-ऑउट कर दिया जाएगा, जिससे यूजर्स केवल सॉफ्टवेयर के जरिए टेलीकॉम सेवाएं ले सकेंगे. इसके अलावा एक ऑपरेटर से दूसरे ऑपरेटर में स्विच करने में भी आसानी होगी. आसान भाषा में समझें तो यह एक ऐसा सिम कार्ड होगा, जो डिवाइस बोर्ड में लगाया जाएगा. चिप होल्ड करने वाले कार्ड की जरूरत खत्म होगी.

बढ़ जाएगी बैटरी लाइफ
ई-सिम तकनीक के जरिए स्मार्टफोन की बैटरी लाइफ बढ़ जाएगी. सॉफ्टवेयर के जरिए काम करने वाले ई-सिम में फिजिकल सिम की अपेक्षा में स्मार्टफोन के बैटरी की खपत कम हो जाएगी. इसके अलावा यूजर्स का सिम पोर्ट करने के लिए 7 दिन का इंतजार नहीं करना पड़ेगा. इस तकनीक से यूजर्स तुरंत अपने ऑपरेटर बदल सकते हैं. इसके अलावा स्मार्टफोन में सिम कार्ड स्लॉट की भी जरूरत नहीं होगी जिससे आपके स्मार्टफोन में अतिरिक्त जगह भी बन जाएगी.

Trending news