Online Fraud: भारत में ऑनलाइन फ्रॉड के लिए पहले जामतारा और मेवात का नाम कुख्यात था. इन जगहों को साइबर क्राइम का हॉटस्पॉट माना जाता था. लेकिन, अब ऐसा नहीं है. अब ऑनलाइन ठगी का ठिकाना अब बदल गया है. अब 46% फीसदी ऑनलाइन ठगी दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों कंबोडिया, म्यांमार और लाओस से हो रही है. भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C) और स्टेट लॉ इन्फोर्समेंट एजेंसी ने अब तक इन देशों में फंसाए गए 360 भारतीयों को वापस लाया है, 60 और जल्द ही कंबोडिया से वापस आने वाले हैं.


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इन तरीकों से लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं ठग


इन देशों से होने वाली ठगी में सबसे आम तरीके हैं - इनवेस्टमेंट स्कैम, ट्रेडिंग स्कैम, डिजिटल अरेस्ट स्कैम, रोमांस और डेटिंग स्कैम. सिर्फ इस साल जनवरी से अप्रैल के बीच 1420 करोड़ के इनवेस्टमेंट स्कैम, 222 करोड़ रुपये के ट्रेडिंग स्कैम, 120 करोड़ रुपये के डिजिटल अरेस्ट स्कैम और 13 करोड़ रुपये के रोमांस और डेटिंग स्कैम सामने आए हैं.


बड़ी संख्या में चीनी नागरिकों के शामिल होने की आशंका


I4C के एक अधिकारी के मुताबिक इन ठगी करने वालों में बड़ी संख्या में चीनी नागरिकों के शामिल होने की भी आशंका है. ठगी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले कई ऐप भी चीनी भाषा में हैं. साल 2024 में साइबर ठगी के मामलों में काफी बढ़ोतरी हुई है. नेशनल क्राइम पोर्टल पर अब तक 7061 करोड़ रुपये की ठगी की 6 लाख से ज्यादा शिकायतें दर्ज की गई हैं. I4C को दखल की वजह से 812.7 करोड़ रुपये की ठगी टल चुकी है.


I4C और लॉ इन्फोर्समेंट एजंसी की कार्रवाई से पिछले 4 महीनों में 3.2 लाख फर्जी बैंक अकाउंट को बंद कराया गया है, 3000 से ज्यादा वेबसाइट्स और 595 ऐप्स को ब्लॉक किया गया है. साथ ही, 5.3 लाख सिम कार्ड और 80 हजार से ज्यादा IMEI नंबर भी बंद करा दिए गए हैं. पिछले 2 महीनों में सोशल मीडिया और व्हाट्सएप से 3401 आपत्तिजनक चीजों को भी हटाया गया है.