जानें, WhatsApp की आखिर ये End-to-end encryption है क्या और कैसे काम करता है
WhatsApp के करोड़ों यूजर्स हैं. दुनिया के हर कोने में हर दिन अरबों-करोड़ों मैसेज होते होंगे. ऐसे में सवाल है कि WhatsApp इन सभी मैसेज को सुरक्षित कैसे रखता है. अब कंपनी कहती है कि वह किसी का मैसेज नहीं पढ़ती क्योंकि लोगों के मैसेज इनक्रिप्टेड (Encrypted) होते हैं. एंड-टू-एंड यूजर (end-to-end) को ही देखने-सुनने में आते हैं. तब सवाल यह भी उठता है कि यह एंड-टू-एंड इनक्रिप्शन (End-to-end encryption) क्या है जिसका दावा WhatsApp करता है.
End-to-end encryption
एंड-टू-एंड इनक्रिप्शन टेक्नोलॉजी मैसेज को सुरक्षित तरीके से सेंड और रिसिव करने का जरिया है. WhatsApp में यह टेक्नोलॉजी शुरू से नहीं है, लेकिन अभी हाल में इसे जोड़ा गया है. मैसेज की सुरक्षा की भारी मांग के बीच WhatsApp ने इसे उतारा है.
ऐसे काम करता है End-to-end encryption
मान लीजिए कि यदि आप वाह्टसअप पर किसी को 'हैलो' का मैसेज करते हैं. आपके द्वारा 'हैलो' सेंड करते ही यह शब्द मशीनी कोड में बदल जाता है. यानि कि यह मशीनी भाषा में 'एन्क्रिप्ट' हो जाता है. दूसरे एंड पर जिस व्यक्ति को यह भेजा जाता है वहां पर यह 'डिक्रिप्ट' होता है. यानि कि यह कोड फिर 'हैलो' में बदल जाएगा. भेजे जाने वाले व्यक्ति से लेकर इसे प्राप्त करने वाले व्यक्ति तक की यह यात्रा 'कोड' के रूप में होती है. रास्ते में यदि कोई इसे हैक भी कर लेता है तो वह उस संदेश को डिकोड नहीं कर पाएगा. इस तरह से वाट्सएप का 'एंट टू एंड एन्क्रिप्शन' यूजर्स की निजता एवं बातचीत एवं डेटा की सुरक्षा करता है.
गलत हाथों में जाने से रोकता है यह फीचर
WhatsApp पर यूजर टेक्स्ट मैसेज, पोस्ट, तस्वीरें, वीडियो, वॉयस मैसेज, दस्तावेज, स्टेट्स अपडेट्स, कॉल्स के जरिए एक-दूसरे से जुड़ते हैं. यूजर के डाटा को सुरक्षित रखना वाट्सएप की जिम्मेदारी होती है. दो लोगों के बीच होने वाली बातचीत हैक न हो और वह गलत हाथों में न पड़े, इसके लिए WhatsApp ने 'एंड टू एंड एन्क्रिप्शन' फीचर की शुरुआत की.
end-to-end encryption के कई फायदे
WhatsApp के इस 'एंड टू एंड एन्क्रिप्शन' के कई फायदे हैं. सबसे पहले तो यह आपके डाटा को हैक होने से बचाता है. हैकर्स यदि आपके डाटा को हैक भी कर लें तो वे इसे 'डिक्रिप्ट' नहीं कर पाएंगे. वाट्सएप का यह फीचर आपके डाटा की निजता सुरक्षित रखता है. यह फीचर आपकी निजता सुरक्षित रखने के साथ-साथ अभिव्यक्ति की आजादी को सुरक्षा प्रदान करता है.
क्या कहता है व्हाट्सऐप
भारत सरकार ने WhatsApp से कहा है कि किसी भी मैसेज के फर्स्ट ओरिजिनेटर की पहचान करना जरूरी है. उधर WhatsApp कहता है कि उसका काम यह नहीं है. मैसेज भेजना और पाना केवल सेंडर और रिसिवर का काम है. इसमें व्हाट्सऐप का कोई लेना-देना नहीं है. भारत सरकार ने कहा है कि व्हाट्सऐप प्राइवेसी पॉलिसी वापस ले, अन्यथा कड़ी कार्रवाई की जाएगी.