WhatsApp भुगतान प्रणाली बन सकता है डिजिटल बैंकिंग के लिए खतरा, जानिए क्या है वजह...
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WhatsApp भुगतान प्रणाली बन सकता है डिजिटल बैंकिंग के लिए खतरा, जानिए क्या है वजह...

व्हाट्सएप ने हैक किए गए अकाउंट्स के बारे में जिस तरह से सूचित किया है, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय उसे लेकर पहले ही असंतोष जाहिर कर चुका है.

WhatsApp भुगतान प्रणाली बन सकता है डिजिटल बैंकिंग के लिए खतरा, जानिए क्या है वजह...

नई दिल्ली : इजरायल (Israel) के स्पाइवेयर पेगासस द्वारा 121 भारतीयों के व्हाट्सएप खातों से छेड़छाड़ किए जाने के बाद विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि फेसबुक (Facebook) के स्वामित्व वाला व्हाट्सएप भारत में भुगतान प्रणाली लॉन्च करने की योजना बना रहा है, जो डिजिटल बैंकिंग प्रणाली को खतरे में डाल सकता है. देश के शीर्ष साइबर कानून विशेषज्ञों में शामिल पवन दुग्गल ने आईएएनएस को बताया, "व्हाट्सएप भुगतान को बड़ी बारीकी से देखने की आवश्यकता है, क्योंकि मुख्य रूप से भुगतान में आप संवेदनशील व्यक्तिगत डेटा के साथ काम करेंगे."

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व्हाट्सएप ने हैक किए गए अकाउंट्स के बारे में जिस तरह से सूचित किया है, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय उसे लेकर पहले ही असंतोष जाहिर कर चुका है. हाल ही में एनएसओ ग्रुप के सॉफ्टवेयर की मदद से कथित तौर पर वैश्विक स्तर पर 1,400 व्हाट्सएप उपयोग करने वालों की जासूसी का मामला सामने आया है. जासूसी करने के लिए व्हाट्सएप के वीडियो कॉलिंग सिस्टम का उपयोग किया गया था.

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व्हाट्सएप (WhatsApp) के भारत में 40 करोड़ उपयोगकर्ता हैं. कंपनी ने मई में अपने 1.5 अरब वैश्विक उपयोगकर्ताओं से अपील की थी कि वे भेद्यता का पता लगने के बाद एप को अपग्रेड करें. दुग्गल ने कहा, "व्हाट्सएप के हालिया ऑपरेशनों से पता चला है कि सरकार के लिए इससे जानकारी प्राप्त करना मुश्किल है. सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत व्हाट्सएप एक मध्यस्थ है और उसे अनिवार्य तौर पर कानून के तहत उचित तत्परता दिखानी चाहिए, लेकिन कंपनी ऐसा करने में विफल रही है.

उन्होंने कहा, "आपको साइबर सुरक्षा मानदंडों, अंतर्राष्ट्रीय व भारतीय कानूनों के पालन के बिना व्हाट्सएप को नए लाइसेंस या अनुमति देने की जल्दी में नहीं होना चाहिए." हाल ही में हैकिंग की घटनाएं सामने आने के बाद सरकार, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) कथित तौर पर डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र में सोशल मीडिया एप्स को अनुमति देने के जोखिम का मूल्यांकन कर रहे हैं.

दुग्गल ने कहा, "अगर व्हाट्सएप डेटा स्थानीयकरण मानदंडों, आईटी अधिनियम के नियमों और विनियमों का पालन नहीं करता है, तो नई अनुमति देने का कोई सवाल ही नहीं है."

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