एक्सप्रेसवे पर होने वाली दुर्घटनाओं से बचाव के लिए यह निर्णय लिया गया है.
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नई दिल्ली: कोरोना वायरस (Coronavirus) के बढ़ते संक्रमण की वजह से लोग यात्रा करने में हिचकिचाने लगे हैं. अगर किसी को बेहद जरूरत आ जाने पर कहीं जाना भी होता है तो वो पहले उस जगह से संबंधित रिसर्च कर लेता है. दरअसल कोरोना काल में हर राज्य ने अपने यहां यात्रा के नियमों में फेरबदल कर दिया है. कहीं पर दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों को पहले क्वारंटाइन रहना पड़ता है तो कहीं आने-जाने के समय पर पाबंदी लगा दी गई है. इस बीच 1 अगस्त से मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे (Mumbai-Pune expressway) गाड़ी चलाने के नियमों में बदलाव किया जा रहा है.
ना करें ओवरस्पीडिंग
रायगढ़ जिले के खालापुर और पुणे जिले के उर्स टोल प्लाजा के बीच करीब 50 किलोमीटर की दूरी है और किसी भी वाहन को इसे तय करने में मान्य गति सीमा के तहत 37 मिनट से कम समय नहीं लेना चाहिए. हां अगर वाहन चालक गाड़ी को तय गति सीमा से तेज (Overspeeding) चला रहा है तो अलग बात है. इस गति सीमा का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों पर जुर्माना लगाया जाएगा और उन्हें ई-चालान भेजा जाएगा. जानकारी के मुताबिक 1 अगस्त से इस एक्सप्रेसवे पर गति सीमा (Speed Limit) का पहली बार उल्लंघन करने पर 1000 रुपये जुर्माना लगाया जाएगा और बार-बार ऐसी गलती करने पर जुर्माना राशि बढ़ जाएगी. छह लेन वाले मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर कई जानलेवा हादसे हो चुके हैं और उनमें से ज्यादातर की वजह तेज रफ्तार ही पाई गई. 94 किलोमीटर लंबे इस मार्ग पर गति सीमा 100 किलोमीटर प्रति घंटा रखी गई है.
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निर्धारित हुआ यात्रा का समय
लगभग 15 किलोमीटर घाट खंड का रास्ता इससे बाहर रखा गया है. वहां गति सीमा 50 किलोमीटर प्रति घंटा तय की गई है. हाइवे पुलिस ने अपने परीक्षण में पाया कि सामान्य रूप से गाड़ी चलाने पर 50 किलोमीटर की दूरी कम से कम 37 मिनट में तय किया जा सकता है. अगर कोई वाहन उससे कम समय में इस दूरी को तय कर लेता है तो इसका साफ मतलब है कि चालक ने निर्धारित गति सीमा का उल्लंघन किया है. जुर्माना देने से बचना चाहते हैं तो यात्रा के दौरान इन नए नियमों का पालन करें. नियमों का पालन करने से एक्सप्रेसवे पर होने वाली दुर्घटनाओं में कमी जरूर आएगी.
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