मोदी सरकार के मौजूदा कार्यकाल का आखिरी पूर्णकालिक बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जहां किसानों, गरीबों और महिलाओं के लिए कई बड़ी घोषणाओं का ऐलान किया, वहीं नौकरीपेशा लोगों को राहत नहीं मिली.
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नई दिल्ली : मोदी सरकार के मौजूदा कार्यकाल का आखिरी पूर्णकालिक बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जहां किसानों, गरीबों और महिलाओं के लिए कई बड़ी घोषणाओं का ऐलान किया, वहीं नौकरीपेशा लोगों को राहत नहीं मिली. जेटली ने इनकम टैक्स के स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया. हालांकि सरकार ने स्टैंडर्ड डिडेक्शन की फिर से शुरुआत की है और इसके तहत 40 हजार रुपये तक का स्टैंडर्ड डिडक्शन दिया जाएगा. इसके अलावा अब म्युचअल फंड की कमाई पर 10 फीसदी टैक्स देना होगा.
भारतीय अर्थव्यवस्था आगे बढ़ेगी
सीनियर सिटीजन को विभिन्न जमाओं पर मिलने वाले 50,000 रुपये तक के ब्याज पर टैक्स छूट मिलेगी, पहले यह सीमा 10,000 रुपये थी. शिक्षा, स्वास्थ्य पर सेस अब 3 फीसदी की जगह 4 फीसदी लगाया जाएगा. कस्टम ड्यूटी बढ़ने से मोबाइल फोन और टीवी अब महंगे हो जाएंगे. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.2 से 7.5 प्रतिशत की दर से आगे बढ़ेगी.
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विदेशी निवेश में बढ़ोतरी हुई
उन्होंने कहा कि भारत दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की राह पर है. वित्त मंत्री ने कहा कि मौजूदा सरकार के कार्यकाल में पिछले तीन साल में भारत की औसत वृद्धि दर 7.5 प्रतिशत रही है. बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि मोदी के नेतृत्व में कई मौलिक सुधार किए गए. विदेशी निवेश में बढ़ोतरी हुई है. उन्होंने कहा कि गरीबी दूर करके मजबूत भारत बनाएंगे. देश उच्च आर्थिक विकास की राह पर आगे बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि आज का युवा ईमानदारी का जीवन जी रहा है. दुनिया में भारत 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा.