अरुण जेटली ने गुरुवार को आम बजट पेश करते हुए प्रधानमंत्री फेलोशिप योजना की घोषणा की. इसके तहत एक हजार बी.टेक छात्रों को आइईआईटी और आईआईएससी में पीएचडी करने का अवसर प्रदान किया जाएगा.
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नई दिल्ली : वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट पिटारे में स्टूडेंट और शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कई घोषणाएं की हैं. अरुण जेटली ने गुरुवार को आम बजट पेश करते हुए प्रधानमंत्री फेलोशिप योजना की घोषणा की. इसके तहत एक हजार बी.टेक छात्रों को आइईआईटी और आईआईएससी में पीएचडी करने का अवसर प्रदान किया जाएगा. वित्त मंत्री ने कहा, सरकार ने इस साल प्रधानमंत्री अनुसंधान फेलो योजना की शुरुआत की है.
1 हजार छात्रों की पहचान
इस योजना के तहत हम हर साल प्रमुख संस्थानों के एक हजार सर्वश्रेष्ठ बीटेक विद्यार्थियों की पहचान करेंगे. उन्हें आईआईटी और भारतीय विज्ञान संस्थान में पीएचडी करने की सुविधा प्रदान करेंगे. छात्रों को एक अच्छी फेलोशिप रकम भी प्रदान की जाएगी. उन्होंने कहा, सरकार ने वडोदरा में विशेषीकृत रेलवे विश्वविद्यालय और नियोजन व वास्तुकला के दो नए स्कूल खोलने के लिए भी कदम उठाए हैं.
IIT में आर्किटेक्ट की पढ़ाई
वित्त मंत्री ने कहा कि इसके अतिरिक्त, नियोजन व वास्तुकला के 18 स्कूल आईआईटी और एनआईटी में बतौर स्वतंत्र स्कूल के रूप में खोले जाएंगे. इसके साथ ही सरकार ने उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के लिए हायर एजुकेशन फाइनेंस एजेंसी के बजट को भी बढ़ाने की घोषणा की है.
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75 हजार की स्कॉरशिप
जानकारी के मुताबिक, इस स्कीम के तहत छात्रों को 75 हजार रुपये प्रति महीना फेलोशिप के लिए दिए जाएंगे. रिसर्च व इंनोवेशन को बढ़ाने से ही भारत दुनिया के टॉप शिक्षण संस्थानों को टक्कर दे सकता है. पिछले बजट में हायर एजुकेशन फाइनेंस एजेंसी का गठन किया गया था. इसमें दस हजार करोड़ का बजट का प्रावधान किया गया था.
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इलेक्शन मोड में सरकार
वर्ष 2019 में होने वाले आम चुनाव से पहले अपने अंतिम बजट में वित्तमंत्री अरुण जेटली ने किसानों और गरीबों पर मेहरबानी बरतते हुए जता दिया कि सरकार चुनाव के मोड में आ गई है. 2019 के चुनाव से पहले त्रिपुरा, मेघालय, नागालैंड, कर्नाटक, राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में चुनाव हैं. मोदी सरकार का अंतिम बजट मुख्य रूप से महिलाओं, किसानों, युवाओं, गरीबों पर केंद्रित रहा. कॉर्पोरेट जगत को भी जेटली ने लुभाने का प्रयास किया है. दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ (एलटीसीजी) कर वर्तमान के शून्य फीसदी से बढ़ाकर 10 फीसदी कर दिया है तथा 99 फीसदी कंपनियों के लिए कॉरपोरेट कर को घटाकर 25 फीसदी कर दिया है. हालांकि, उन्होंने आयकर दाताओं के लिए कर संरचना में कोई बदलाव नहीं किया है.