टैक्स की नई और पुरानी दरों को लेकर कन्फ्यूजन न हों, आसान भाषा में समझें किसमें होगा फायदा
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टैक्स की नई और पुरानी दरों को लेकर कन्फ्यूजन न हों, आसान भाषा में समझें किसमें होगा फायदा

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टैक्स स्लैब्स में बड़े बदलाव का ऐलान किया है.

नौकरी करने वालों के लिए वित्त मंत्री ने शर्तों के साथ छूट का ऐलान किया.

नई दिल्ली: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टैक्स स्लैब्स में बड़े बदलाव का ऐलान किया है. नौकरी करने वालों के लिए वित्त मंत्री ने शर्तों के साथ छूट का ऐलान किया. उन्होंने साफ किया कि 5 लाख रुपए तक की इनकम वालों को पुरानी की तरह नई व्यवस्था में भी टैक्स नहीं देना होगा. 5 से 7.30 लाख तक की स्लैब में 20% टैक्स की जगह अब 10% ही टैक्स देना होगा. 3 अन्य स्लैब में भी टैक्स घटाया गया. लेकिन ये इसका फायदा उठाने के लिए आपको 70 रियायतें छोड़नी होंगी. 

इनकम टैक्स की नई दरें वैकल्पिक हैं यानी करदाता पुरानी और नई व्यवस्था में से अपना चुनाव कर सकता है. कन्फ्यूजन की शुरुआत भी यहीं से हो रही है. करदाता इस बात को लेकर भ्रम में हैं कि उसे किस टैक्स स्लैब से फायदा होगा. नए टैक्स रिजीम से या पुराने से ही. आइये हम आपको आसान भाषा में दोनों टैक्स रिजीम के बारे में विस्तार से बताते हैं. 
 
नया टैक्स स्लैब: 
नए इनकम टैक्स स्लैब में 5 लाख तक कोई टैक्स देना होगा. 5 लाख से 7.5 लाख के बीच अब आपको सिर्फ 10% ही टैक्स देना होगा. अगर आपकी आय 7.5 लाख से लेकर 10 लाख की आय पर अब 15% टैक्स देना होगा. अगर आपकी इनकम 10 लाख से 12.50 लाख रुपए है तो नए स्लैब के हिसाब से 20% टैक्स देना पड़ेगा और हर साल 12.5 लाख रुपए से 15 लाख कमाने वालों को अब 25% टैक्स देना होगा. जबकि 15 लाख से ऊपर की आय पर पहले की तरह 30% टैक्स बरकरार है.  

पुराना टैक्स स्लैब: 
0 से 2.5 लाख की आमदनी के लिए कोई टैक्स नहीं. 
2.5 से 5 लाख के लिए 5 परसेंट. 
5 से 7.5 लाख के लिए 20% 
7.5 लाख से 10 लाख अब 20% 
10 से 12.5 लाख के लिए 30% टैक्स 
12.5 लाख से 15 लाख के लिए 30% 
15 लाख से ज्यादा की आमदनी वालों के लिए टैक्स 30%

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