नई दिल्ली: आर्थिक सर्वेक्षण (Economic Survey) ज्यादातर लोगों को समझ नहीं आता है. यही वजह है कि आम जनता आर्थिक सर्वेक्षण के रिपोर्ट को समझने की बजाए इग्नोर ही कर देती है. लेकिन अब वित्त मंत्रालय (Finance Ministry) ने एक ऐसा नायाब तरीका निकाला है जिसकी मदद से कोई भी आम नागरिक इसे समझ सकता है. वित्त मंत्रालय ने पहली बार आर्थिक सर्वेक्षण में 'थालीनॉमिक्स' (Thalinomics) को जोड़ा है. इसकी मदद से आप आसानी से महंगाई बढ़ने या कम होने को समझ पाएंगे.
क्या है थालीनॉमिक्स?
वित्त मंत्रालय के अधिकारियों का कहना है कि भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) का जन साधारण के जीवन में ठोस प्रभाव पड़ता है. अर्थशास्त्र को जनसाधारण के जीवन से जोड़ने के लिए भोजन की थाली एक ऐसी वस्तु है जिसे खाकर कामगार या मजदूर का जीवन चलता है. इस तबके में सबसे प्रचलित खाना थाली ही होता है जिसमें चावल, रोटी, दाल और सब्जी के अलावा सलाद भी मिल जाता है. अधिकारी का कहना है कि थालीनॉमिक्स एक सामान्य व्यक्ति द्वारा एक थाली के लिए किए जानेवाले भुगतान को मापने की कोशिश है. इसमें एक वेज थाली या नॉन-वेज थाली के लिए जेब से खर्च होने वाले पैसे का आकलन करना है.
क्या है इस साल का थालीनॉमिक्स?
आर्थिक सर्वे 2019-20 के मुताबिक 2006 से 2020 के बीच में थाली की औसत कीमत कम हुई है. हालांकि 2019 में बुनियादी सब्जियों के महंगे होने की वजह से थाली की कीमत बढ़ी थी. सर्वे में कहा गया है कि पिछले 14 सालों में वेज थाली 29 प्रतिशत किफायती हुई है. जबकि इसी दौरान नॉन-वेज थाली 19 फीसदी अफोर्डेबल हुई है. इसके अलावा आर्थिक सर्वेक्षण मे कहा गया है कि वर्ष 2020-21 में भारत की सकल घरेलू उत्पाद विकास दर (GDP Growth rate) 6 से 6.5 प्रतिशत रहने की संभावना है.
25 राज्यों के ढाबों में किया गया सर्वेक्षण
आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया है कि थाली की असल कीमत जानने के लिए सरकार ने 25 राज्यों में उन ढाबों/होटलों की निशानदेही की है जहां आम मजदूर खाना खाने जाता है. रिपोर्ट तैयार करने के लिए कुल 80 ऐसे ढाबों/होटलों से आंकड़े इकट्ठा किए गए. बता दें, बजट (Budget 2020) से ठीक एक दिन पहले केंद्र सरकार आर्थिक सर्वेक्षण जारी करती है.