बजट 2018: कांग्रेसी नंदन नीलेकणि ने बजट की जमकर तारीफ की, कहा- डिजिटल इंडिया पर है फोकस
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बजट 2018: कांग्रेसी नंदन नीलेकणि ने बजट की जमकर तारीफ की, कहा- डिजिटल इंडिया पर है फोकस

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में विशेषज्ञ पैदा करने के लिए इंवेस्टमेंट के एलान का किया स्वागत.

प्रतीकात्मक तस्वीर

नई दिल्ली: कांग्रेस नेता और आधार के जनक नंदन नीलेकणि ने वित्तमंत्री अरुण जेटली के बजट की तारीफ करते हुए कहा है कि इसमें डिजिटल इंडिया पर फोकस किया गया है. बिजनेस अखबर मिंट में लिखे अपने लेख में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में विशेषज्ञ पैदा करने के लिए इंवेस्टमेंट के एलान का उन्होंने स्वागत किया. उन्होंने प्राइमरी एजुकेशन के लिए भी बजट बढाने को अच्छा कदम बताया. उनका कहना है कि बेसिक सुविधाओं के साथ-साथ हमें टेक्नोलॉजी पर भी ध्यान देने की जरूरत है. दोनों को साथ लेकर चलना होगा. यह अच्छी बात है कि इस बजट में यह दिखाई दे रहा है. 

  1. इंफ्रास्ट्रक्चर का मतलब सिर्फ रोड, ब्रिज और हाइवे का निर्माण करना नहीं 
  2. सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट किट, और अल्पिकेशन प्रोग्रामिग इंटरफेस भी है शामिल
  3. बजट में वित्त मंत्री ने हवाई चप्पल से लेकर हवाई जहाज तक का किया जिक्र

भारत ने आर्थिक समावेश के साथ शानदार तरक्की की है. पिछले साल हमने 3 करोड़ बैंक अकाउंट जोड़े हैं. आधार की मदद से इलेक्ट्रॉनिक नो युअर कस्टमर (ईकेवाईसी) का काम आसान हो गया है. करोड़ों भारतीय यूपीआई की मदद से बैंकिंग सुविधा का लाभ ले रहे हैं. बैंकिंग से जुड़ी टेक्नोलॉजी ने भारतीयों के जीवन को आसान बनाया है. यह सब इसलिए संभव हो सका कि हमने समय रहते डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश किया. 

स्ट्रक्चरल रिफॉर्म्स की ओर बढ़ रही सरकार
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के क्षेत्र में निवेश के ऐलान के बाद हम कह सकते हैं कि सरकार स्ट्रक्चरल रिफॉर्म्स की दिशा में आगे बढ़ रही है. इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश किए बिना भारत की बेसिक समस्याओं का हल नहीं किया जा सकता. लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर शब्द को फिर से परिभाषित करने की जरूरत है.

इंफ्रास्ट्रक्चर की परिभाषा बदली
डिजिटल युग में इंफ्रास्ट्रक्चर का मतलब सिर्फ रोड, ब्रिज और हाइवे का निर्माण करना नहीं है, बल्कि सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट किट, और अल्पिकेशन प्रोग्रामिग इंटरफेस जैसी चीजों को भी इसमें शामिल करने की जरूरत है. सरकार अकेले समाज की समस्याओं को हल नहीं कर सकती. वह मार्केट प्लेयर और सोसायटी के बीच एक पुल का काम कर सकती है. इस बजट में सरकार ने इस ओर ध्यान दिया है. 

500,000 वाई-फाई स्पॉट बनेंगे
बजट में 500,000 वाई-फाई स्पॉट बनाने का एलान किया गया है जो 50 करोड़ लोगों को इंटरेनट से जोड़ने में मदद करेगी. यह एक बहुत बड़ा कदम है. उसी तरह टोल कलेक्शन के लिए फास्ट टैग, वायरलेस टेक्नोलॉजी की मदद से पेमेंट के लिए इलेक्ट्रॉनिक प्लेटफॉर्म मुहैया कराया गया है जिसका इस्तेमाल पार्किंग फीस लेने में भी किया जा सकता है शानदार कदम है.

 आधार से राह आसान
इन फ्लेटफॉर्म की खूबसूरती यह है कि इन्हें एक्सटेंड किया जा सकता है. एक बार प्रयोग सफल रहने के बाद हर जगह इसे लागू करना बहुत आसान होता है. वित्तमंत्री ने गुड्स एंड सर्विस टैक्स नेटवर्क से डाटा के इस्तेमाल की बात कही, इससे छोटे से छोटे कारोबारी को भी लोन देने में आसानी होगी क्योंकि यह देखना आसान हो जाएगा उसने कितना टैक्स दिया. आधार की मदद से इस तरह के प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल और आसान हो गया है. एक क्लिक में सारी जानकारी देखी जा सकती है.

शिक्षा के क्षेत्र में भी सरकार का यही नजरिया है. डिपार्टमेंट आफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी ने साइबर फिजिकल सिस्टम लॉन्च करने का एलान किया है. इसके अलावा सरकार डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्टर विकसित कर रही है. हेल्थ सेक्टर में भी स्ट्रक्चरल रिफॉर्म्स और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित करने की जरूरत है.

अगर दुनिया के सबसे बड़े हेल्थकेयर स्कीम को भारत सफलता पूर्वक लागू कर पाता है तो यह बड़ी सफलता होगी. गुरुवार को पेश किए गए बजट में वित्त मंत्री ने हवाई चप्पल से लेकर हवाई जहाज तक का जिक्र किया. कहा जा सकता है कि बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर में सरकार भौतिक और डिजिटल दोनों तरह से इंवेस्ट कर रही है.

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