पिछले साल रेल दुर्घटनाओं में सबसे ज्‍यादा मौतें, लेकिन बजट में खास चर्चा नहीं
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पिछले साल रेल दुर्घटनाओं में सबसे ज्‍यादा मौतें, लेकिन बजट में खास चर्चा नहीं

नए साल के बजट में सुरक्षा प्रावधानों की ज्‍यादा चर्चा नहीं

File photo

नई दिल्‍ली : 2018-19 के बजट में सरकार ने मानव रहित क्रॉसिंग खत्‍म करने और ट्रेन तथा स्‍टेशनों पर आधुनिक सुविधाएं उपलब्‍ध कराने की घोषणा जरूर की है, लेकिन दुर्घटनाओं को कम करने के लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं किए गए हैं. 2017 में देश में कुल 35 रेल दुर्घटनाएं हुईं. 2016-17 में ट्रेन दुर्घटनाओं में 193 मौतें हुईं जो पिछले दस वर्षों में सबसे ज्‍यादा है. अधिकांश दुर्घटनाओं का कारण रेलवे ट्रैक का खराब मेंटेनेंस था. 2015-16 में 60 फीसदी रेल दुर्घटनाओं का कारण ट्रैक की खराबी था. इसके बाद 33 फीसदी दुर्घटनाएं क्रॉसिंग पर सुरक्षा व्‍यवस्‍था में कमी था. देश में पिछले 10 वर्षों में कुल 1394 रेल दुर्घटनाएं हुई हैं. इनमें से करीब 51 फीसदी का कारण ट्रैक का खराब मेंटेनेंस है. 

  1. रेल बजट 2018
  2. बढ़ती दुर्घटनाएं
  3. सुरक्षा के उपाय नहीं

पिछले साल बनाया था रेल संरक्षा कोष
2017 के बजट में सरकार ने एक लाख करोड़ रुपए का रेल संरक्षा कोष बनाने की घोषणा की थी. इसका गठन अगले पांच वर्षों में किया जाना है, लेकिन नए साल के बजट में सुरक्षा की ज्‍यादा चर्चा नहीं की गई है. 2020 तक 4267  मानव रहित क्रॉसिंग खत्‍म करने का एलान और पूरा नेटवर्क ब्रॉडगेज करने जैसी घोषणाएं हर साल बजट में की जाती हैं. इसलिए यह उम्‍मीदों के अनुरूप ही है, लेकिन बढ़ती दुघ्रटनाओं को रोकने के लिए क्‍या कदम उठाए जाएंगे, इसकी चर्चा नहीं है. 

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