संसद बजट सत्र: राष्ट्रपति कोविंद बोले- हमारी सरकार ने हर वर्ग का सपना पूरा किया
Advertisement
trendingNow1494311

संसद बजट सत्र: राष्ट्रपति कोविंद बोले- हमारी सरकार ने हर वर्ग का सपना पूरा किया

संसद का बजट सत्र आज से शुरू हो गया है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद संसद क संयुक्त सत्र को संबोधित कर रहे हैं, जिसके बाद सदन की कार्यवाही औपचारिक रूप से शुरू होगी. 

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संसद के संयुक्त सदन को संबोधित करके बजट सत्र की शुरुआत की.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संसद के संयुक्त सदन को संबोधित करके बजट सत्र की शुरुआत की.

नई दिल्ली: संसद का बजट सत्र आज से शुरू हो गया है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित किया, जिसके साथ ही बजट सत्र के सदन की कार्यवाही औपचारिक रूप से शुरू हो गई. लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सदन में मौजूद रहे. संयुक्त सदन को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि मेरी सरकार ने 21 करोड़ भारतीयों को जीवन ज्योति योजना का लाभ पहुंचाया. आवास योजना के तहत 1.30 करोड़ लोगों को घरों की चाबी दी गई.

राष्ट्रपति के भाषण की मुख्य बातें-

- सिर्फ 1 रुपया महीना के प्रीमियम पर ‘प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना’ और 90 पैसे प्रतिदिन के प्रीमियम पर ‘प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना’ के रूप में लगभग 21 करोड़ गरीब भाई-बहनों को बीमा सुरक्षा कवच प्रदान किया गया है.
-पिछले साढ़े चार वर्षों में सरकार की ग्रामीण आवास योजनाओं के तहत 1 करोड़ 30 लाख से ज्यादा घरों का निर्माण किया जा चुका है. जबकि वर्ष 2014 के पहले, पाँच साल में, सिर्फ 25 लाख घरों का ही निर्माण हुआ था.
- जिला अस्पतालों में सुविधाएं बेहतर हुईं.
- कुपोषण के खिलाफ राष्ट्रीय मिशन की शुरुआत की गई.
-मेरी सरकार ने दिव्यांगों के लिए काफी काम किया.
- महंगाई दर घटने से मिडिल क्लास के लोगों को राहत मिली.
- आयकर का बोझ घटाकर और महंगाई पर नियंत्रण करके, सरकार ने मध्यम वर्ग को बचत के नए अवसर दिए हैं. सरकार का प्रयास है कि कड़ा परिश्रम करने वाले हमारे मध्यम वर्ग की पूंजी बढ़े और निवेश के नए विकल्पों से उनकी आय और भी बढ़े.
-वर्ष 2014 में 18 हजार से अधिक गांव ऐसे थे, जहां बिजली नहीं पहुंची थी. आज देश के हर गांव तक बिजली पहुंच गई है. ‘प्रधानमंत्री सौभाग्य योजना’ के तहत अब तक 2 करोड़ 47 लाख घरों में बिजली का कनेक्शन दिया जा चुका है.
- तमिलनाडु के मदुरै से लेकर जम्मू-कश्मीर के पुलवामा तक और गुजरात के राजकोट से लेकर असम के कामरूप तक, नए ‘एम्स’ बनाए जा रहे हैं. गांवों में चिकित्सकों की कमी को दूर करने के लिए बीते चार वर्षों में मेडिकल की पढ़ाई में 31 हजार नई सीटें जोड़ी गई हैं.
‘प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना’ के तहत देश भर में अब तक 600 से ज्यादा जिलों में 4,900 जन औषधि केन्द्र खोले जा चुके हैं. इन केन्द्रों में 700 से ज्यादा दवाइयां बहुत कम कीमत पर उपलब्ध कराई जा रही हैं.

 

बजट सत्र से एक दिन पहले लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने बुधवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई, जिसमें विश्वास व्यक्त किया गया कि सत्र के दौरान सुचारू रूप से कामकाज होगा . बैठक की अध्यक्षता स्पीकर सुमित्रा महाजन ने की. इसमें संसदीय कार्य मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, संसदीय कार्य राज्य मंत्री विजय गोयल एवं अर्जुन राम मेघवाल शामिल हुए . बैठक में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खडगे, तृणमूल कांग्रेस के सुदीप बंदोपाध्याय, बीजद के भतृहरि माहताब, अकाली दल के प्रेम सिंह चंदूमाजरा, राकांपा की सुप्रिया सुले, जदयू के कौशलेंद्र कुमार सहित अन्नाद्रमुक, माकपा एवं अन्य दलों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया . 

स्पीकर सुमित्रा महाजन ने उम्मीद जतायी कि सत्र सुचारू रूप से चलेगा और सभी दलों ने इस बारे में भरोसा जताया है. 

संसद का बजट सत्र 31 जनवरी से 13 फरवरी तक चलेगा और यह वर्तमान सरकार के तहत संसद का अंतिम सत्र होगा . इसकी शुरूआत बृहस्पतिवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की ओर से संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक के संबोधन के साथ होगी . 

वित्त मंत्री पीयूष गोयल शुक्रवार को अंतरिम बजट पेश करेंगे और ऐसी उम्मीद की जा रही है कि सरकार इसमें समाज के विभिन्न वर्गो के कल्याण से जुड़ी अनेक उपायों की घोषणा कर सकती है. 

यह अंतरिम बजट ऐसे समय में पेश किया जायेगा जब भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन अप्रैल..मई में संभावित चुनाव के लिये तैयारी कर रही है. 

सत्र के दौरान सरकार नागरिकता विधेयक, तीन तलाक विधेयक जैसे विवादास्पद विधेयक को पारित कराने का प्रयास करेगी जिसे कई दलों के कड़े विरोध का सामना करना पड़ा है. नागरिकता विधेयक पर जदयू जैसे भाजपा के सहयोगी दल एतराज जता चुके हैं .

सरकार के एजेंडे में जन प्रतिनिधित्व संशोधन अधिनियम 2017 है जिसमें प्राक्सी के जरिये एनआरआई को मतदान करने की सुविधा प्रदान की बात कही गई है. इसके साथ ही राष्ट्रीय मेडिकल काउंसिल विधेयक भी एजेंडे में है. 

इनमें से कुछ महत्वपूर्ण विधेयक राज्यसभा में अटके हुए हैं . 

नागरिक संशोधन विधेयक राज्यसभा में लंबित है जहां विपक्ष इसमें देशों के नाम से बांग्लादेश का नाम हटाने की मांग कर रहा है जिसके शरणार्थी नागरिकता के लिये आवेदन करने के पात्र बन जायेंगे . शीतकालीन सत्र में यह विधेयक लोकसभा से पारित हो चुका है. राज्यसभा में इसे प्रवर समिति को भेजे जाने की मांग हो रही है. 

सत्र के दौरान सरकार की ओर से अयोध्या में गैर विवादित 67 एकड़ जमीन को उसके मूल मालिकों को लौटाने के संबंध में उच्चतम न्यायालय में पेश अर्जी का मुद्दा भी उठ सकता है . भाजपा अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण की पक्षधर है. 

विपक्ष की ओर से सरकार के लोकलुभाव घोषणाओं का विरोध किये जाने की भी उम्मीद है.

इसके अलावा केंद्रीय मंत्रिमंडल ने असम समेत पूर्वोत्तर के चार राज्यों में स्वायत्त परिषदों पर संविधान संशोधन को मंजूरी दी है और सरकार की योजना उसे भी इसी सत्र में पेश करने की है. जानकारों का मानना है कि चुनावों के मद्देनजर सरकार इसमें अपनी उपलब्धियों को गिनाने की कोशिश करेगी. वहीं, विपक्ष सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा. ऐसे में इस सत्र के भी हंगामेदार होने के पूरे आसार हैं.

Trending news

;