रेल बजट में क्या-क्या होगा इन राज्यों के लिए खास, जानिए हमारे साथ...
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रेल बजट में क्या-क्या होगा इन राज्यों के लिए खास, जानिए हमारे साथ...

आम बजट के साथ ही रेल बजट को भी पेश करेंगे वित्त मंत्री अरुण जेटली. ये भाजपा सरकार का आखिरी पूर्ण बजट होगा.

रेल बजट में क्या-क्या होगा इन राज्यों के लिए खास, जानिए हमारे साथ...

नई दिल्ली : इस साल कर्नाटक, के बाद मप्र,राजस्थान और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में चुनाव हैं. ऐसे में विधानसभा चुनावों से पहले इन राज्यों को आम बजट के साथ साथ रेल बजट से भी काफी उम्मीदें हैं. इन राज्यों को नई रेल के साथ-साथ पुरानी लंबित पड़ीं योजनाओं के पूरा होने की भी उम्मीदें हैं. इन राज्यों में चुनाव हैं, ऐसे में उम्मीद है कि सरकार इस ओर ज्यादा ध्यान देगी. चुनावी राज्यों के अलावा बिहार, यूपी और हिमाचल जैसे राज्य भी हैं, जो इस रेल बजट से काफी उम्मीदें लगाकर बैठे हैं.

  1. भाजपा सरकार का ये आखिरी पूर्ण बजट है
  2. कर्नाटक में इस साल हैं विधानसभा चुनाव
  3. मप्र, राजस्थान छत्तीसगढ़ में भी चुनाव होंगे

खासकर उत्तरप्रदेश को इस बजट से काफी उम्मीदें होंगी. पिछले डेढ़ दो साल में उत्तरप्रदेश में सबसे ज्यादा रेल हादसे हुए हैं. ऐसे में इन हादसों पर रोक लगाने के लिए सरकार से बड़ी घोषणा की उम्मीद यहां के लोग कर रहे हैं.

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मध्यप्रदेश : ग्वालियर-चंबल अंचल में लोगों को रेल बजट से उम्मीद है कि सरकार रेल सेवाओं में विस्तार करेगी. अंचल के रेलयात्रियों का कहना है कि सुपर फास्ट ट्रेनों में जनरल कोच बढ़ाएं जाने चाहिए. हबीबगंज को वर्ल्डक्लास स्टेशन बनाने की दिशा में और तेजी से काम होगा. वहीं महिला कोच को भी पूरी बोगी के तौर पर बढ़ाए जाने की मांग है. इसके साथ ही यात्रियों ने अंचल से गुजरने वाली ट्रेनों में सुरक्षा को लेकर भी चिंता जताई है. यात्रियों का कहना है कि ट्रेनों में बढ़ते अपराध को देखते हुए ट्रेनों में सुरक्षा बढ़ाना चाहिए. वहीं पैसेंजर ट्रेनों का छोटे स्टेशनों पर स्टॉपेज बढ़ना जरूरी है.

उत्तरप्रदेश : दक्षिण भारत के लिए सीधी ट्रेनों की मांग सबसे ज्यादा है. लालकुआं से कन्याकुमारी, बेंगलुरु यशवंतपुर, चेन्नई एवं हैदराबाद के लिए ट्रेनों की मांग की जा रही है. लालकुआं से अहमदाबाद के बीच एक जोड़ी द्विसाप्ताहिक ट्रेन कासगंज, बरेली, मथुरा होते हुए चलाने की मांग की गई है. लालकुआं से देहरादून के बीच एक जोड़ी त्रिसाप्ताहिक ट्रेन की मांग है. वहीं टनकपुर से नई दिल्ली के बीच रोजाना एक जोड़ी ट्रेन चलाने की मांग की गई है.

राजस्थान : इस साल मध्यप्रदेश के साथ साथ  राजस्थान में भी चुनाव होंगे. ऐसे में यहां लोगों को भी काफी उम्मीदें हैं कि उन्हें इस बजट से काफी कुछ मिल सकता है. रेलवे कर्मचारियों को राष्ट्रीय सुरक्षा कोष स्थापित करने का फायदा मिल सकता है. राजस्थान में भी ब्रॉडगेज लाइनों पर मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग हैं, जो 2020 तक खत्म किए जा सकेंगे.  राजस्थान में पहले से दो पर्यटन ट्रेनें चल रही हैं. राज्य में पर्यटन के अन्य स्थलों को जोड़ते हुए नए स्टेशनों को ऐसी ट्रेनों से जोड़ा जाएगा.  राजस्थान के करीब दो दर्जन रेलवे स्टेशनों पर सौर ऊर्जा संयंत्र लगाए जाएंगे.

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