बजट में अरुणाचल के सेला दर्रे पर सुरंग बनाने का ऐलान, भारत-चीन के लिए बेहद अहम है यह इलाका
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बजट में अरुणाचल के सेला दर्रे पर सुरंग बनाने का ऐलान, भारत-चीन के लिए बेहद अहम है यह इलाका

अपने बजट संबोधन में जेटली ने कहा कि सरकार भारत की रक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में संपर्क बुनियादी ढांचे का विकास कर रही है.

बजट में अरुणाचल के सेला दर्रे पर सुरंग बनाने का ऐलान, भारत-चीन के लिए बेहद अहम है यह इलाका

नई दिल्ली: वित्त मंत्री अरुण जेटली ने चीन की सीमा से सटे अरुणाचल प्रदेश में रणनीतिक रुप से स्थित तवांग में सैनिकों की तीव्र आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए 13,700 फुट की ऊंचाई पर सेला दर्रे में सुरंग बनाने की सरकारी योजना की घोषणा की. रक्षा मंत्रालय ने बताया कि अरुणाचल प्रदेश में सेला दर्रे से सुरंग के निर्माण की मंजूरी से रक्षा तैयारियों में पर लग जायेंगे. अपने बजट संबोधन में जेटली ने कहा कि सरकार भारत की रक्षा को सुनिश्चित करने के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में संपर्क बुनियादी ढांचे का विकास कर रही है.

  1. सेला दर्रा अरुणाचल प्रदेश के तवांग और पश्चिम कामेंग जिलों के बीच स्थित है,
  2. जिसे चीन दक्षिण तिब्बत का हिस्सा बताता है. 
  3. सेला दर्रे को रणनीतिक दृष्टि से अहम माना जाता है.

सेला सुरंग के निर्माण का प्रस्ताव ऐसे समय में आया है जब रक्षा प्रतिष्ठान करीब 4000 किलोमीटर लंबी भारत चीन सीमा पर चीन की मुखरता बढ़ने से चिंता में है. जेटली ने कहा, ‘लद्दाख क्षेत्र को सभी मौसमों के अनुकूल कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए रोहतांग सुरंग का निर्माण पूरा कर लिया गया है. जोजिला दर्रे में 14 किलोमीटर से भी अधिक लंबी सुरंग की निविदा का काम तेजी से चल रहा है. अब मैं सेला दर्रे में सुरंग के निर्माण का प्रस्ताव रखता हूं.’

सेला दर्रा अरुणाचल प्रदेश के तवांग और पश्चिम कामेंग जिलों के बीच सीमा पर स्थित एक बेहद ऊंचा पर्वतीय दर्रा है, जिसे चीन दक्षिण तिब्बत का हिस्सा बताता है. सेला दर्रा अरुणाचल प्रदेश में तवांग और कामेंग जिलों के बीच स्थित है और इसे रणनीतिक दृष्टि से अहम माना जाता है.

सीमा पर तनाव के बीच सेना को मिली 'ताकत'; नए हथियारों, जंगी जहाजों के लिए मिलेगी बड़ी रकम

सरकार ने वित्त वर्ष 2018-19 में रक्षा बजट के लिए 2.95 लाख करोड़ रुपए आवंटित किए हैं जो पिछले साल के 2.74 लाख करोड़ रुपए की तुलना में 7.81 फीसदी ज्यादा है. संसद में गुरुवार (1 फरवरी) को पेश आम बजट में कुल रक्षा बजट के तहत सेना के तीनों अंगों के लिए नए हथियारों, विमानों, जंगी जहाजों और अन्य सैन्य साजो-सामान की खरीद के लिए 99,947 करोड़ रुपए की राशि निर्धारित की गई है. रक्षा बजट 2018-19 के लिए निर्धारित कुल 24,42,213 करोड़ रुपए के आवंटन का 12.10 प्रतिशत है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में देश की सीमाओं पर चुनौतियों से निपटने और जम्मू कश्मीर तथा पूर्वोत्तर दोनों क्षेत्रों में आंतरिक सुरक्षा माहौल को प्रबंधित करने में सशस्त्र बलों की भूमिका की सराहना की.

उन्होंने कहा कि सरकार दो रक्षा औद्योगिक उत्पादन कॉरिडोर विकसित करेगी और घरेलू रक्षा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए उद्योग अनुकूल सैन्य उत्पादन नीति लेकर आएगी. जेटली ने कहा कि 2017-18 में रक्षा बजट के लिए 2.79 लाख करोड़ रुपए के संशोधित अनुमान की तुलना में आवंटन में वृद्धि 5.91 प्रतिशत और 2.74 लाख करोड़ रुपए के बजट अनुमान की तुलना में वृद्धि 7.81 प्रतिशत है.

बजट में दिल्ली पुलिस के लिए 6946 करोड़, तो चीन-पाक की सीमा पर विकास के लिए सिर्फ 1750 करोड़

अगले वित्त वर्ष में केंद्रीय गृह मंत्रालय के लिए 92,600 करोड़ रुपए रहने का बजटीय प्रावधान किया गया है जो कि 2017-18 की तुलना में 10.5 प्रतिशत अधिक होगा. अगले साल के बजट में पुलिस बलों के बुनियादी ढांचे में सुधार पर विशेष जोर दिया गया है. गृह मंत्रालय के बजट में दिल्ली पुलिस के लिए 6,946.28 करोड़ रुपए रखे गए हैं, जबकि भारत पाक व चीन भारत सीमाओं पर तनाव के बीच सीमा पर बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 1,750 करोड़ रुपए दिए गए हैं. बजटीय दस्तावेजों के अनुसार गृह मंत्रालय के लिए 2018-19 में 92,679.86 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है जो कि 2017-18 के 83,823.30 करोड़ रुपए की तुलना में 10.5 प्रतिशत अधिक है.

जम्मू कश्मीर व पूर्वोत्तर में उग्रवाद विरोधी अभियानों में लगे केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) को 2018-19 में 20,268 करोड़ रुपए दिए जाएंगे. वहीं सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के लिए 17,118.64 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. आगामी वित्त वर्ष में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों का कुल आवंटन 62,741.31 करोड़ रुपए रहेगा. इन बलों में सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ, असम राइफल्स व एनएसजी शामिल है. आसूचना ब्यूरो (आईबी) को 1,876.44 करोड़ रुपए, एसपीजी को 385 करोड़ रुपए दिए जाएंगे.

खेतीबाड़ी और ग्रामीण विकास पर जोर: आयकर दरों, स्लैब में बदलाव नहीं
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आम चुनाव से पहले भाजपा नीत राजग सरकार के अपने अंतिम पूर्ण बजट में गुरुवार (1 फरवरी) को एक तरफ खेतीबाड़ी, ग्रामीण बुनियादी ढांचे, सूक्ष्म एवं लधु उद्यमों तथा शिक्षा एवं स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए खजाना खोल कर आम लोगों को लुभाने का प्रयास किया, वहीं वेतन भोगी लोगों और वरिष्ठ नागरिकों को कर और निवेश में राहत देने की भी घोषणाएं की. वित्त मंत्री ने हालांकि आयकर दरों और स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया पर वेतनभोगियों के लिए 40,000 रुपए वार्षिक की मानक कटौती की जरूर घोषणा की. इससे इस वर्ग के करदाताओं को कुल मिलाकर 8,000 करोड़ रुपए का फायदा होने का अनुमान है.

लोकसभा में लगातार पांचवां बजट पेश करते हुए जेटली ने सभी कर योग्य आय पर स्वास्थ्य और शिक्षा उपकर 3 प्रतिशत से बढ़ाकर 4 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया. साथ ही सामाजिक कल्याण योजनाओं के वित्त पोषण के लिये 10 प्रतिशत सामाजिक कल्याण अधिभार का भी प्रस्ताव किया. उन्होंने 250 करोड़ रुपये तक के कारोबार वाले सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्यमों के लिये कंपनी कर 30 प्रतिशत से घटाकर 25 प्रतिशत करने की भी घोषणा की.

40,000 रुपये की मानक कटौती
करीब दो घंटे (110 मिनट) के भाषण में जेटली ने हालांकि आयकर की दरों और स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया, लेकिन उन्होंने वेतनभोगी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिये परिवहन एवं चिकित्सा व्यय के बदले 40,000 रुपये की मानक कटौती देने की जरूर घोषणा की. वित्त मंत्री ने वरिष्ठ नागरिकों के लिये बैंक जमा पर ब्याज से आय की छूट सीमा 10,000 रुपये से बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया. साथ ही मियादी जमाओं पर स्रोत पर कर कटौती नहीं होगी.

आयातित पैनलों, हैंडसेट पर सीमा शुल्क बढ़ाने की घोषणा, टीवी, मोबाइल फोन महंगे होंगे
वित्त मंत्री अरुण जेटली के पेश बजट में सरकार ने स्थानीय विनिर्माण को प्रोत्साहन देने के लिए आयातित टीवी पैनलों पर आयात शुल्क 7.5 प्रतिशत से दोगुना कर 15 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया है. इससे एलसीडी-एलईडी टीवी सेट महंगे हो जाएंगे. इसके अलावा मोबाइल फोन पर भी सीमा शुल्क 15 से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का प्रस्ताव किया गया है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में कहा कि एलसीडी-एलईडी-ओएलईडी टीवी के कलपुर्जों पर सीमा शुल्क को बढ़ाकर 15 प्रतिशत किया जा रहा है. इसका मकसद स्थानीय विनिर्माण को प्रोत्साहन देना है. 

जेटली ने कहा, ‘मैं मोबाइल फोन पर सीमा शुल्क को 15 से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का प्रस्ताव करता हूं. इसके अलावा मोबाइल फोन के कुछ कलपुर्जों और एक्सेसरीज तथा टीवी के कुछ कलपुर्जों पर सीमा शुल्क बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का प्रस्ताव करता हूं.’ उन्होंने कहा कि कुछ क्षेत्रों मसलन खाद्य प्रसंस्करण, इलेक्ट्रॉनिक्स, वाहन कलपुर्जे, फुटवियर तथा फर्नीचर जैसे क्षेत्रों में घरेलू स्तर पर मूल्यवर्धन की काफी गुंजाइश है. जेटली ने कहा कि इन उपायों से देश में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे. 

पीएम मोदी ने दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि एवं लघु उद्यमों आदि के लिए किए गए प्रावधानों को दूरगामी लाभ वाले कदम बताते हुए इसका स्वागत किया. उन्होंने कहा कि यह ‘आम लोगों के जीवन को और सरल बनाने वाला बजट है.’ उन्होंने कहा कि ‘इससे हमारा भरोसा और बढ़ा है कि अर्थव्यवस्था और मजबूत होगी.’ उन्होंने वित्त मंत्री जेटली और उनकी टीम को इस अच्छे बजट के लिए बधाई दी.

(इनपुट एजेंसी से भी)

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