वैसे तो देश की बहुत सारी राष्ट्रीय समस्याओं पर हर वर्ष बहुत सारे सेमिनार और सम्मेलन होते हैं. बार बार सभाएं और गोष्ठियां आयोजित की जाती हैं जिन पर करोड़ों रुपये खर्च होते हैं. लेकिन अतिक्रमण एक ऐसी राष्ट्रीय समस्या है जिसे हमारे भ्रष्ट सिस्टम ने स्वीकार कर लिया है. देश की तमाम सड़कों पर अवैध कब्ज़े हैं, आम लोग इससे रोज़ परेशान होते हैं. लेकिन हमारे देश में बिना किसी रोक-टोक के सड़कों और फुटपाथ के अतिक्रमण की एक पूरी अर्थव्यवस्था चल रही है. जिसमें सिपाही से लेकर अफसर तक भ्रष्टाचार के माध्यम से अपना-अपना हिस्सा वसूल रहे हैं.