महिलाएं भी होती हैं अघोरी, दीक्षा से पहले करना पड़ता है ये खतरनाक काम

रहस्‍यमयी है अघोरियों की दुनिया

अघोरियों की दुनिया बेहद रहस्‍यमयी होती है. वे साधुओं से बेहद अलग जीवन जीते हैं.

महिला अघोरी

कम लोग ही ये जानते हैं कि पुरुष की तरह महिलाएं भी अघोरी होती हैं.

अघोर पंथ

अघोर पंथ का हिस्‍सा बनने के लिए महिलाओं को बेहद कठिन प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है.

करना पड़ता है कठिन परिश्रम

10 से 15 साल के कठिन परिश्रम के बाद जब गुरु को लगे कि महिला शिष्‍य अघोरी बनने के योग्‍य है, तब दीक्षा मिलती है.

अघोरी महिला की दीक्षा

अघोरी की दीक्षा लेने से पहले महिला को जीते जी अपना पिंडदान करना पड़ता है.

मुंडवाना पड़ता है सिर

महिला अघोरी को अपने बाल मुंडवाने पड़ते हैं. ताकि यह सिद्ध हो सके कि उसे शारीरिक रंग-रूप से फर्क नहीं पड़ता है.

तंत्र-मंत्र कर लेती हैं साधना

उसे श्‍मशान घाट में रहकर तंत्र-मंत्र साधना करनी पड़ती है.

3 तरह से होती हैं दीक्षा

अघोर पंथ में 3 तरह से दीक्षा दी जाती है- हिरित दीक्षा, शिरित दीक्षा और रंभत दीक्षा.

बेहद कठिन है रंभत दीक्षा

इसमें सबसे कठिन होती है रंभत दीक्षा, जिसे गुरु केवल विलक्षण अघोरी शिष्‍य को ही देता है.

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