सनातन धर्म में पितृ पक्ष का बहुत महत्व माना जाता है.
नवरात्रों से ठीक पहले श्राद्ध 15 दिनों तक चलते हैं.
पितृ पक्ष के दौरान किसी भी तरह के मांगलिक कार्य वर्जित रहते हैं.
जब तक श्राद्ध चलें, तब तक भोग-विलास की कोई चीज नहीं खरीदनी चाहिए.
पितृ पक्ष के दौरान लोहे के बर्तन खरीदना अशुभ माना जाता है.
श्राद्ध के दौरान शादी, सगाई या गृह प्रवेश से बचना चाहिए.
श्राद्ध में मांस-मदिरा खाने की पूरी तरह मनाही होती है.
श्राद्ध में बाल काटने या दाढ़ी बनाने से बचना चाहिए.
पितृ पक्ष में दूसरों का विशेषकर साधुओं का अपमान कतई न करें.
दूसरी के भूमि पर बैठकर कभी भी तर्पण या श्राद्ध नहीं करना चाहिए.