इन धातुओं के बर्तन देते हैं अशुभ फल, पूजा-पाठ में इस्तेमाल करने की न करें गलती

Arti Azad
Oct 04, 2023

Puja Utensils:

पूजा-पाठ करते समय शुभ और पवित्र चीजों के इस्तेमाल का विशेष ध्यान रखा जाता है. छोटी-छोटी चीजें भी शुभ होने पर ही पूजा का पूरा फल मिलता है.

वहीं, साधक की जरा सी लापरवाही पूजा को अशुभ कर सकती है. ऐसे में पूजा में इस्तेमाल होने वाले बर्तनों पर भी विशेष ध्यान देना जरूरी है.

कई बार जानकारी नहीं होती कि पूजा के दौरान हमें किस धातु के बर्तनों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए. आइए जानते हैं किस धातु का प्रयोग शुभ होता है.

हिंदू धर्म में शास्त्रों के अनुसार पूजा-पाठ के दौरान की गई विभिन्न धातुओं का इस्तेमाल अलग-अलग फल देती है.

इन धातुओं का उपयोग है शुभ

पूजाविधि के लिए सोना, चांदी, पीतल और तांबे के बर्तनों का उपयोग शुभ माना गया है. मान्यता है कि इन धातुओं के उपयोग से ईश्वर जल्दी प्रसन्न होते हैं.

देवताओं के लिए तांबे के बर्तन

धार्मिक मान्यता है कि देवताओं को तांबा बहुत प्रिय होता है, इसलिए किसी भी देवता की पूजा के दौरान तांबे के बर्तन का इस्तेमाल शुभ माना जाता है.

देवों के लिए न करें चांदी का इस्तेमाल

पूजा के दौरान चांदी के पात्रों से अभिषेक किया जाता है. वहीं, तांबे के पात्र से दुग्धाभिषेक वर्जित है. कहा जाता है कि चांदी चंद्र देव का प्रतिनिधित्व करती है.

चंद्र देव की पूजा के दौरान उनके आशीर्वाद स्वरूप शीतलता, सुख-शांति प्रदान करता है, लेकिन देवकार्य में चांदी का इस्तेमाल वर्जित है. हालांकि, पितरों के लिए इस्तेमाल किए जा सकते हैं.

पूजा में लोहे के बर्तन न करें इस्तेमाल

लोहे में जंग लगने के कारण उन्हें शुद्ध नहीं माना जाता, इसलिए पूजा में इनका इस्तेमाल वर्जित होता है. हालांकि, शनिदेव की पूजा में लोहे के बर्तन का इस्तेमाल किया जा सकता है.

पूजा में वर्जित धातुओं के बर्तन

वहीं, स्टील, एल्युमीनियम धातु के बर्तनों को भी पूजा में यूज नहीं करना चाहिए. शास्त्रों के अनुसार ये सभी धातुएं धार्मिक कार्यों में अपवित्र मानी जाती हैं.

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