DRL या Daytime Running Lights कारों के आगे लगी ऐसी लाइट्स होती हैं, जो दिन में भी जलती रहती हैं.
डीआरएल को कार को दिन के दौरान दूसरों को दिखाई देने में मदद करने के लिए डिज़ाइन किया जाता है. इससे कार की सेल्फ विजिबिलिटी बढ़ती है.
इससे वह लोग आपकी कार को लेकर सचेत हो जाते हैं. यह हादसे और टक्कर की संभावना को कम करता है. यानी, DRL कार की सेफ्टी को सेफ्टी को बढ़ाते हैं.
कारो में DRL स्टाइलिंग के लिए भी इस्तेमाल किए जाते हैं. इसे ऐसे समझिए कि आप जितनी कारें देखते हैं, उन सभी का डिजाइन अलग-अलग होता है.
डिजाइन को अलग-अलग करने के लिए अलग-अलग तरह के डिजाइन एलिमेंट्स दिए जाते हैं. उन्हीं में से एलिमेंट डीआरएल भी है. आप देखेंगे कि अलग-अलग कारों में अलग-अलग पैटर्न के डीआरएल मिलते हैं.
DRL को हेडलाइट्स के ऑप्शन के तौर पर इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए क्योंकि DRL का लाइट थ्रो अच्छा नहीं होती है.
यह हेडलाइट की तरह लाइट थ्रो नहीं कर पाते हैं और ना ही इन्हें उसके लिए डिजाइन किया जाता है. इसीलिए, कभी भी DRL को हेडलाइट्स के ऑप्शन के तौर पर ना समझें.