ओवर द पीरियड ऑफ टाइम कुछ लोगों को कार के माइलेज से शिकायत होने लगती है. कार का माइलेज ड्रॉप होने लगता है. लेकिन, माइलेज ड्रॉप क्यों होता है?
माइलेज क्यों घटता है?
माइलेज ड्रॉप के पीछे आपका ड्राइविंग स्टाइल और सही समय पर अच्छी सर्विसिंग का ना होना, दोनों कारण हो सकते हैं. चलिए, बताते हैं कि आप कैसे माइलेज बढ़ा सकते हैं और फ्यूल खर्च घटा सकते हैं.
सही स्पीड
कार की स्पीड का माइलेज पर असर पड़ता है. सही गियर में सही स्पीड पर चलने से माइलेज में सुधार होता है. आप टॉप गियर में लगभग 80kmph की स्पीड पर रहते हैं तो अच्छा माइलेज मिलेगा.
ब्रेकिंग और एक्सीलेरेशन
बार-बार हार्ड ब्रेकिंग और एक्सीलेरेशन से माइलेज घटता है. अगर आप ऐसा करते हैं तो इससे बचें. अगर ब्रेक लगाने पड़ें तो उसके बाद हार्ड एक्सीलेरेशन ना करें. धीरे-धीरे स्पीड बढ़ाएं.
सही टायर प्रेशर
सही टायर प्रेशर के बिना कार का माइलेज खराब हो सकता है. इसलिए, रेगुलर तौर पर कार के टायर प्रेशर को चेक कराते रहें. यह कम हो जाए तो इसे सही लेवल तक टॉप-अप करा लें.
विंडो ना खोलें
कार को विंडो खोलकर ड्राइव ना करें. विंडो खोलने से कार का एयरोडायनेमिक्स बिगड़ जाता है, जिससे कार को आगे खीचने के लिए इंजन पर ज्यादा जोर पड़ता है. इससे माइलेज ड्राप होगा.
क्रूज़ कंट्रोल
माइलेज बढ़ाना है तो हाईवे पर क्रूज कंट्रोल का इस्तेमाल करें. इससे कार सेट की गई स्पीड पर चलेगी, जिससे माइलेज बढ़ जाएगा. यहां ध्यान रखें कि ओवरस्पीड ना करें.
सर्विसिंग
कार की सही समय पर सर्विसिंग कराएं. अगर सर्विस पेंडिंग होती है तो उससे भी माइलेज पर बुरा अलर पड़ता है. इसीलिए, सही समय पर अच्छी सर्विस जरूरी है.
ओवरलोडिंग
कार में ओवरलोडिंग से बचें. ओवरलोडिंग होने पर इंजन पर ज्यादा दबाव पड़ता है, जिससे फ्यूल भी ज्यादा खर्च होता है. ओवरलोडिंग से बचाव भी माइलेज सुधार सकता है.