कोविड महामारी के दौरान रेलवे की तरफ से मुसाफिरों को चादर और तौलिया देना बंद कर दिया गया था.
लेकिन महामारी से जुड़े मामलों में कमी आने के बाद रेलवे की तरफ से इस सुविधा को फिर से शुरू कर दिया.
लेकिन अक्सर यह शिकायत आती है कि लोग ट्रेनों में मिलने वाली चादर, तौलिया और तकिये चोरी करके ले जाते हैं.
लोगों की इस हरकत से रेलवे को पिछले कुछ सालों में बड़ा नुकसान हुआ है. इसको लेकर रेलवे ने नुकसान का आंकड़ा भी जारी किया था.
रेलवे ने यात्रियों की इन हरकतों को देखकर नई गाइडलाइन भी जारी की थी. अब यदि कोई यात्री ऐसा करता पाया जाएगा तो रेलवे की तरफ से उसको नियमानुसार सजा दी जाएगी.
रेलवे की तरफ से जारी रिपोर्ट के अनुसार यात्रियों ने चादर, कंबल के अलावा चम्मच, केतली, नल, टॉयलेट में लगी टोटियां भी चोरी कर लीं. इससे रेलवे को करोड़ों का चूना लगा था.
छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जोन की ट्रेनों में लोगों ने रेलवे का खूब सामान चोरी किया. बिलासपुर और दुर्ग से चलने वाली लंबी दूरी की एक्सप्रेस में कंबल, चादर, तकिया कवर, फेश टॉवेल की लगातार चोरी हुई है.
साल 2023 में साल चार महीने के दौरान ही करीब 56 लाख रुपये का सामान ट्रेनों से चोरी किया गया. इससे रेलवे को बड़ा नुकसान हुआ.
रेलवे की रिपोर्ट में बताया गया कि चोरी गए सामान में 12886 फेस टॉवेल, 18208 चादर, 19767 तकिये के कवर, 2796 कंबल और 312 तकियों थे.
रेलवे की तरफ से सामान चोरी करने वालों पर रेलवे प्रॉपर्टी एक्ट के तहत की जाने वाली कार्रवाई के आधार पर आरोपियों पर जुर्माना लगाने और सजा का प्रावधान है. इसमें अधिकतम पांच साल की सजा हो सकती है.