शहरों और गांव में रहने वालों का खर्च

पिछले कुछ सालों में भारतीयों के खर्च करने के तरीके में बड़े बदलाव देखने को मिले हैं. लेकिन इसमें खास बात ये है कि यह है कि यह बदलाव शहरी और ग्रामीण दोनों ही एरिया में देखने को मिला है.

Shivani Sharma
Feb 29, 2024

फैमिली की कमाई का खर्च

सांख्यिकी मंत्रालय की तरफ से हाल ही में रिपोर्ट जारी कर इस बारे में बताया गया है. रिपोर्ट में पता चला है कि अब इंडियन फैमिली अपनी कमाई का सबसे बड़ा हिस्सा खाने-पीने की चीजों पर खर्च करते हैं.

लग्जरी आइटम पर खर्च

अगर लग्जरी और एंटरटेनमेंट आइटम की बात की जाए तो उसमें भी लोग जमकर पैसा खर्च कर रहे हैं. पिछले 20 सालों में फिलहाल खाने-पीने के खर्च में पहले की तुलना में थोड़ी कमी आई है.

शहर में रहने वालों का खर्च

NSSO की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों से यह पता चलता है कि भारत के शहरी क्षेत्र में अगर किसी भी परिवार की 100 रुपये की कमाई हो रही है तो उसमें से 29.7 रुपये वह खाने-पीने पर खर्च करा है.

गांव में रहने वालों का खर्च

इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग अगर 100 रुपये कमा रहे हैं तो उसमें से वह 47 रुपये अपने खाने-पीने पर खर्च कर रहे हैं. पिछले कुछ सालों में भारतीयों ने अनाज पर होने वाले खर्च को थोड़ा घटाया है. इसके अलावा मिल्क और पैकेट वाले फूड पर ज्यादा खर्चा किया जा रहा है. साथ ही अब एंटरटेनमेंट, कपड़े, मेडिकल खर्च आदि में इजाफा हुआ है.

दूध पर खर्च

दूध और पैकेज्ड फूड पर होने वाले खर्च में इजाफा हुआ है. दूध और पैकेज्ड फूड पर होने वाले खर्च में 4.2% की बढ़ोतरी हुई है. इसके अलावा अनाज पर होने वाले खर्च में 7.9% की गिरावट आई है.

खाने पर होने वाला खर्च कहां पहुंचा?

साल 1999-2000 से लेकर 2022-23 तक खाने-पीने पर होने वाला खर्च 48.1 फीसदी से घटकर 39.7 फीसदी तक पहुंच गई है.

कपड़ों पर खर्च

NSSO के मुताबिक, इस समय भारत के लोग एंटरटेनमेंट पर अपनी कमाई का 6.5 फीसदी हिस्सा खर्च कर रहे हैं. कपड़ों पर भारतीय परिवार अपनी कमाई का 5.4 फीसदी हिस्सा खर्च कर रहा है.

मेडिकल पर खर्च

इसके अलावा भारतीय मेडिकल पर कितना रुपया खर्च कर रहे हैं. रिपोर्ट में पता चला है कि मेडिकल खर्च पर परिवार की कमाई का 5.9 फीसदी हिस्सा खर्च हो रहा है. पढ़ाई पर भारतीय परिवार अपनी कमाई का 5.7 फीसदी हिस्सा खर्च कर रहा है.

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