AC1, AC2 और AC3 कोच में कितनी वेटिंग कंफर्म होती है?
Dec 19, 2024
वेटिंग लिस्ट में ट्रेन टिकट मिलने से यात्रियों को यह अंदाजा नहीं हो पाता कि उनका टिकट कंफर्म होगा भी या नहीं. इस कारण कई बार यात्रा की प्लानिंग करना मुश्किल हो जाता है.
कुछ वेबसाइट टिकट की वेटिंग कंफरमेशन को लेकर अनुमान लगाती हैं, जो कि कई बार गलत साबित होता है.
रेलवे की तरफ से बताया गया कि वेटिंग लिस्ट के टिकट कैसे कंफर्म होते हैं. साथ ही यह भी बताया गया कि कंफर्मेशन के लिए कौन सा फॉर्मूला लगाया जाता है.
फेस्टिव सीजन में कई बार वेटिंग लिस्ट बढ़कर 500 तक पहुंच जाती है. पीक टाइम पर कंफर्मेशन की संभावना भी काफी कम हो जाती है.
वेटिंग लिस्ट के टिकट दो तरह से कंफर्म होते हैं, पहला नॉर्मल कैंसिलेशन के आधार पर और दूसरा रेलवे के इमरजेंसी कोटे के जरिये.
एक रिपोर्ट के अनुसार औसतन 21% ट्रेन यात्री टिकट बुक कराने के बाद अपनी टिकट कैंसल कर देते हैं. यानी वेटिंग लिस्ट वाले टिकट के कन्फर्म होने का चांस 21% रहता है.
इस तरह 72 सीटों वाले स्लीपर कोच में 14 सीट खाली होने की संभावना रहती है. करीब 4-5% यात्री ऐसे भी यात्रा नहीं करते जो टिकट खरीदते हैं.
इस तरह दोनों को मिलाकर टिकट कंफर्मेशन की चांस 25% तक बढ़ जाता है. सीधा सा मतलब यह हुआ कि स्लीपर कोच में 18 सीटों के कन्फरमेशन की ज्यादा उम्मीद रहती है.
एक ट्रेन में यदि 10 स्लीपर कोच हैं और हर कोच में 18 सीट खाली होती हैं तो पूरी ट्रेन में 180 वेटिंग कंफर्म हो सकती हैं.
इसी तरह का फॉर्मूला 3 AC, 2 AC और फर्स्ट एसी कोच पर भी लागू होता है. रेलवे मिनिस्ट्री के इमरजेंसी कोटे में 10% सीटें रहती हैं.